लोकसभा चुनाव से पहले जहां राजनीतिक दल तैयारियों में जुट गई हैं, वहीं चुनाव से पहले भाजपा को दक्षिण भारत में बड़ा झटका लगा है. ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम यानी AIADMK ने बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन से अलग होने का फैसला किया है. इस संबंध में पार्टी ने बाकायदा एक प्रस्ताव पारित किया है. AIADMK के इस फैसले के बाद पार्टी के कार्यकर्ताओं ने चेन्नई में पटाखे फोड़कर इसका जश्न मनाया.
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इस फैसले के बाद अन्नाद्रमुक के उप समन्वयक केपी मुनुसामी ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि बैठक में AIADMK ने सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया हैं. AIADMK आज से BJP और NDA गठबंधन से सारे रिश्ते तोड़ रही है. भाजपा का राज्य नेतृत्व पिछले एक साल से लगातार हमारे पूर्व नेताओं, हमारे महासचिव EPS और हमारे कार्यकर्ताओं के बारे में अनावश्यक टिप्पणी कर रहा है.
AIADMK ने क्या कहा?
पिछले काफी समय से AIADMK और राज्य बीजेपी नेताओं के बीच तनातनी चल रही थी. एआईएडीएमके ने कहा कि वह 2024 के लोकसभा चुनाव में एक अलग मोर्चे का नेतृत्व करेगी. दरअसल देश में अभी दो प्रमुख गठबंधन हैं. एक है बीजेपी के नेतृत्व वाला एनडीए और दूसरा है ‘इंडिया’, जिसमें कांग्रेस, टीएमसी और आम आदमी पार्टी समेत 28 पार्टियों के नेता शामिल हैं.
लेकिन कई पार्टियां ऐसी भी हैं जो एनडीए और ‘इंडिया’ दोनों का हिस्सा नहीं हैं. इनमें तेलंगाना के सीएम केसीआर की भारत राष्ट्र समिति, सांसद असदुद्दीन ओवैसी की ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन, ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक की बीजू जनता दल और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी की वाईएसआर कांग्रेस पार्टी शामिल है. लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी दल इंडिया गठबंधन में ज्यादा से ज्यादा नेताओं को शामिल करने की कोशिश कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर भाजपा भी एनडीए कुनबे को बढ़ाने की कोशिश कर रही है.
तेज हुई सियासी बयानबाजी
पार्टी के इस फैसले के बाद AIADMK की प्रवक्ता शशिरेखा ने कहा, “सदस्यों की राय के आधार पर हम यह प्रस्ताव ले रहे हैं…यह AIADMK के लिए सबसे खुशी का क्षण है. हम आगामी चुनावों का सामना करके बहुत खुश हैं, चाहे वह लोकसभा का चुनाव हो या विधानसभा का.
वहीं AIADMK के भाजपा और NDA से गठबंधन तोड़ने पर तमिलनाडु भाजपा अध्यक्ष के. अन्नामलाई ने कहा, “मैं आपसे बाद में बात करूंगा, मैं यात्रा के दौरान नहीं बोलता हूं. मैं बाद में बोलूंगा.”
AIADMK के भाजपा और NDA से गठबंधन तोड़ने पर बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि अगर यह विकास हुआ है तो यह उन लोगों को मसला था… तमिलनाडु में कांग्रेस-DMK गठबंधन बहुत मजबूत है… NDA गठबंधन की बैठक हुई और उसमें कोई परिणाम नहीं निकला… दक्षिण भारत में बड़ा गठबंधन बाहर हुआ है. इससे भारी नुकसान भाजपा को होगा. इससे पहले महाराष्ट्र में शिवसेना हिस्सा थी, वह भी बाहर हुई. बिहार से JDU बाहर हुई, पंजाब से अकाली दल बाहर हुआ. हर जगह साफ दिख रहा है कि NDA को कुछ मतलब नहीं रह गया है. वहां एक तानाशाह बैठे हैं और दो व्यक्ति देश चला रहे हैं.
वहीं पार्टी के इस फैसले पर AIADMK नेता कोवई सत्यन ने कहा, “गठबंधन के धर्म और पवित्रता के लिए हमने अपनी यथास्थिति बनाए रखी. अनामलाई ने हमारे नेताओं, संस्थापकों के खिलाफ बोला था. वे हमारी विचारधारा की आलोचना करने लगे और कई बार हमने भाजपा के शिर्ष नेतृत्व को इस बारे में जानकारी भी दी, जहां तक तमिलनाडु की बात है तो वह भाजपा है जिसे AIADMK की जरूरत है ना कि AIADMK को भाजपा की… हम उनके सहयोगी है इसका यह मतलब नहीं कि हमारी विचारधारा भी एक जैसी है…
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