बिहार के मंत्री चन्द्रशेखर ने ‘रामचरितमानस में पोटेशियम साइनाइड है. यह बयान देकर सियासी पारा गरम कर दिया है. उनके इस बयान के बाद भाजपा नीतीश सरकार पर हमलावर है. इस बीच बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने रामचरितमानस को लेकर शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर को सलाह दी है. उन्होंने कहा है कि शिक्षा मंत्री को अपने विभाग पर ध्यान देना चाहिए.
Advertisement
Advertisement
बिहार के शिक्षा मंत्री के बयान पर बढ़ते विवाद के बीच बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि हम लोग संविधान में विश्वास रखते हैं और संविधान में सभी धर्मों का सम्मान है, तो हम हमेशा लोगों की भावनाओं का सम्मान करते हैं. मंत्री जी को अपने विभागों पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए… नकारात्मक बातों पर चर्चा नहीं होनी चाहिए बल्कि सकारात्मक बातों पर चर्चा होनी चाहिए, इसलिए हमें लगता है कि उन्हें ये सब बातें नहीं करनी चाहिए.
बिहार मंत्री चन्द्रशेखर के कथित ‘रामचरितमानस में पोटेशियम साइनाइड है’ वाले बयान पर बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने आगे कहा कि ये सब चीजें बिल्कुल नहीं होनी चाहिए. मीडिया को भी नकारात्मक बातें नहीं फैलानी चाहिए. मीडिया को सकारात्मक चीजों पर अधिक जोर देना चाहिए. ताकि राज्य में शिक्षा विभाग को बेहतर बनाया जा सके. शिक्षक प्रतिदिन विद्यालय जाने लगे हैं, इन मामलों पर मीडिया में चर्चा होनी चाहिए.
चंद्रशेखर ने दिया था विवादित बयान?
बिहार के शिक्षा मंत्री डॉ. चंद्रशेखर ने एक बार फिर रामचरितमानस को लेकर विवादित बयान दिया है. उन्होंने कहा कि रामचरितमानस में पोटेशियम साइनाइड है. इसके साथ ही चंद्रशेखर ने यह भी कहा कि वह रामचरितमानस पर अपना विरोध जारी रखेंगे. हिंदी दिवस के मौके पर बिहार हिंदी ग्रंथ अकादमी के कार्यक्रम में बोलते हुए शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने कहा कि रामचरितमानस के अरण्य कांड के चतुर्थांश पूजहि विप्र सकल गुणहिना, शूद्र न पूजं वेद प्रवीना का क्या अर्थ है? उन्होंने सवालिया लहजे में पूछा, क्या यह श्लोक जाति को लेकर गलत बातें नहीं कहता है?
भाजपा नेताओं ने साधा निशाना
बिहार के मंत्री के ‘रामचरितमानस में पोटेशियम साइनाइड है’ वाले कथित बयान पर केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस ने कहा, “यह तो गलत है. मुख्यमंत्री को ऐसे लोगों को शिक्षामंत्री के पद से हटाना चाहिए. इससे पूरे बिहार और खासकर के शिक्षा विभाग का माहौल खराब होता है. हमारी सलाह है कि मुख्यमंत्री ऐसे व्यक्ति को शिक्षा विभाग से हटा दें और किसी योग्य व्यक्ति को शिक्षा मंत्री बनाएं.”
Advertisement