नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में आतंकियों के साथ दो झड़पों में तीन अधिकारी और दो जवान शहीद हो गए हैं. जबकि एक जवान अब भी लापता बताया जा रहा है. शहीद जवानों में सेना के कर्नल मनप्रीत सिंह, मेजर आशीष ठोंचक, कश्मीर पुलिस के डीएसपी हुमायूं भट्ट शामिल हैं. बुधवार को सर्च ऑपरेशन के दौरान आतंकियों ने सुरक्षा बलों पर फायरिंग कर दी थी, इस हादसे की जानकारी उस वक्त आई जब पीएम मोदी मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ चुनाव पर पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में हिस्सा लेने पहुंचे थे, उनका फूल बरसाकर स्वागत किया गया था. अब इस मामले को लेकर विपक्ष ने पीएम मोदी पर निशाना साधा है.
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राजद नेता शिवानंद तिवारी ने इस मामले को लेकर कहा कि मणिपुर में आग लगी है, श्रीनगर में सेना के अफसर वीर गति को प्राप्त हुए और भाजपा कार्यलाय में उत्सव मनाया जा रहा है. सरकार इस तरह से चलती है? देश के प्रधानमंत्री, मुखिया की कोई जिम्मेदारी नहीं कि देश के कौने में आग लगी है. उनको कोई चिंता नहीं कि सेना के लोग मारे जा रहे हैं. फूल बरसाओ और भगवान का दर्ज़ा दो.
वहीं इस मामले को लेकर शिवसेना उद्धव ठाकरे गुट के नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने कहा कि जिस सयम PM के ऊपर फूल बरसाए जा रहे थे उस समय आतंकी हमारे जवानों पर गोलियां बरसा रहे थे जिसमें 3 वरिष्ठ अधिकारी शहीद हो गए… आप किस खुशी में फूल बरसा रहे हैं? क्या आपको यह सब देखकर दुख नहीं होता? आपकी तरफ से कोई बयान तक नहीं आया है.
जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग के कोकेरनाग इलाके में कल सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ हुई थी. ऑपरेशन के दौरान कर्नल मनप्रीत सिंह, मेजर आशीष धोंक और डीएसपी हुमायूं भट्ट के साथ ही साथ दो अन्य जवान भी शहीद हो गए थे. इसी मामले को लेकर RJD के राज्यसभा सांसद मनोज झा ने भी पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि कल हमारे जवानों की शाहदत हुई प्रधानमंत्री और उनकी पार्टी जश्न मना रही थी. उनको जश्न मनाने का अधिकार है लेकिन वे थोड़ा इंतजार कर सकते थे. वे इसको 1-2 दिन टाल भी सकते थे.
अनंतनाग मुठभेड़ पर शिवसेना उद्धव ठाकरे गुट की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि कल जो हुआ है बहुत ही निंदनीय है, जवानों की शहादत हुई. उसी समय भाजपा के हेडक्वार्टर में जश्न मनाया जा रहा था. भारत पाकिस्तान का मैच कुछ दिन पहले भी हुआ है. पाकिस्तान जब आतंकी माहौल बनाता है तो उनके साथ किसी प्रकार का संवाद नहीं होना चाहिए चाहे वे खेल के मैदान पर ही क्यों ना हो, भाजपा वे सरकार जो पहले कहती थी 56 इंच का सीना दिखाएंगे और बिना बुलावे के पाकिस्तान चल जाते हैं. शपथ ग्रहण पर उनके(पाकिस्तान) प्रधानमंत्री को बुलाया गया था. अगर अब कोई मैच होता है तो हम उसका विरोध करेंगे.
नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने इस मामले को लेकर कहा कि ये बहुत बड़ा सदमा है. ये बर्बादी बहुत वक्त से चल रही है मुझे इसका अंत नहीं दिखता है…लड़ाई से अमन नहीं आता है बातचीत से आता है. जब से देश आजाद हुआ ये फसाद साथ है, इसका हल निकालना जरूरी है…मैं इसका जवाब नहीं दे सकता हूं कि वे कहां से आ रहे हैं, वे दूसरे देश से भी हो सकते हैं. रोज हमें इस खतरे का सामना करना पड़ता है, इसका खामियाजा केवल जनता को होता है. लड़ाई से कोई मसला हल नहीं होता. पाकिस्तान ने 4 जंगे की हैं पर बॉर्डर वहीं खड़ा है. बातचीत के आलावा कोई रास्ता नहीं है.
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