मुंबई: शरद पवार की पार्टी एनसीपी इस समय राजनीति में सबसे बड़े संकट का सामना कर रही है. भतीजे अजित पवार और करीबी नेताओं ने बगावत कर एनडीए में शामिल हो गए हैं, और महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे सरकार का हिस्सा बन गए है. इस बगावत के बाद मंत्री पद के बंटवारे को लेकर चल रहा गतिरोध शुक्रवार को खत्म हो गया. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने विभागों का बंटवारा कर दिया है.
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जानें किसे मिला कौन सा विभाग?
महाराष्ट्र के नवनियुक्त उपमुख्यमंत्री अजीत पवार को वित्त और योजना विभाग मिला है. इसके अलावा कैबिनेट मंत्री छगन भुजबल को खाद्य और नागरिक आपूर्ति विभाग, कैबिनेट मंत्री अनिल पाटिल को राहत और पुनर्वास, आपदा प्रबंधन विभाग, अदिती सुनील तटकरे को महिला एवं बाल विकास, धनंजय मुंडे को कृषि और दिलीप वाल्से पाटिल को राजस्व, पशुपालन और डेयरी विकास विभाग मिला है.
वित्त मंत्रालय को लेकर अजित पवार आक्रामक थे
अजित पवार वित्त और सहकारिता मंत्रालय एनसीपी के पास रखने को लेकर आक्रामक थे. अजित पवार समूह वित्त के साथ-साथ सहकारिता मंत्रालय को लेकर भी आक्रामक था, क्योंकि यह एनसीपी के लिए यह बहुत महत्वपूर्ण था. एक दर्जन से अधिक राकांपा नेता सहकारी या निजी चीनी मिलें चला रहे हैं. इसके साथ ही सहकारी बैंकों पर भी उनका नियंत्रण है. दोनों ही क्षेत्रों में उन्हें भारी समस्या का सामना करना पड़ रहा था. ऐसे में अब उनके पास सहकारिता मंत्रालय आने से उनकी समस्याएं जल्दी हल हो जाएंगी. अजीत पवार विभाग का बंटवार होने के बाद वित्त और योजना विभाग के कैबिनेट मंत्री के रूप में कार्यभार संभाल लिया है.
कब हुई थी NCP में बगावत?
शरद पवार के नेतृत्व वाली राकांपा 2 जुलाई को विभाजित हो गई थी, क्योंकि उनके भतीजे अजीत पवार और लगभग तीन दर्जन विधायक सत्तारूढ़ शिवसेना-भाजपा गठबंधन में शामिल हो गए थे. अजित पवार ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ और आठ अन्य राकांपा नेताओं ने मंत्री पद की शपथ ली थी. तभी से विभागों के आवंटन को लेकर गतिरोध जारी था.
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