दिल्ली: लोकसभा में मोदी सरकार के खिलाफ चल रहे अविश्वास प्रस्ताव पर दो दिनों की गहन चर्चा के बाद आज शाम 4 बजे पीएम मोदी विपक्ष को जवाब देंगे. कल सदन में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी के भाषण के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने करीब 2 घंटे तक और खासकर मणिपुर मुद्दे पर विस्तृत जवाब दिया था, अब सबकी नजर इस पर टिकी हुई है कि पीएम मोदी मणिपुर मुद्दे को लेकर लोकसभा में क्या बोलते हैं?
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इस अविश्वास प्रस्ताव का फोकस मणिपुर रहा है और विपक्ष प्रधानमंत्री के जवाब के लिए 16 दिनों से संसद को बाधित कर रहा है, जिसके बाद अब मणिपुर के मुद्दे पर आज पीएम मोदी लोकसभा में जवाब देंगे. उधर कांग्रेस सांसद मनिकम टैगोर ने मणिपुर की स्थिति पर चर्चा के लिए लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया है. राज्यसभा में डीएमके सांसद तिरुचि शिवा, AAP सांसद राघव चड्ढा, राजद सांसद मनोज झा, आप सांसद संदीप पाठक, कांग्रेस सांसद सैयद नसीर हुसैन, AAP सांसद सुशील गुप्ता ने मणिपुर की स्थिति पर चर्चा के लिए नियम 267 के तहत सस्पेंशन ऑफ बिजनेस नोटिस दिया है.
तेज हुई सियासी बयानबाजी
संसद में अविश्वास प्रस्ताव पर PM मोदी के जवाब पर सांसद मनोज कुमार झा ने कहा कि हम संसद में PM मोदी के बोलने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. यह अविश्वास प्रस्ताव आंकड़ों के लिए नहीं लाया गया, हम जानते हैं कि आंकड़ें आपके (केंद्र) पास हैं. हमारे पास छोटे आंकड़ें हैं लेकिन इस उपकरण के माध्यम से, हम आपसे कुछ सुन सकते हैं, मणिपुर कुछ सुन सकता है. मैं बस यही आशा करता हूं कि आज वे अतीतजीवी न हो जाएं और कल अमित शाह के भाषण की तरह नेहरू से शुरुआत न करें.
वहीं इस मामले को लेकर कांग्रेस सांसद मनिकम टैगोर ने कहा कि 20 जुलाई से विपक्षी I.N.D.I.A गठबंधन मांग कर रहा है कि प्रधानमंत्री संसद में आकर मणिपुर के बारे में बोलें और वहां के लोगों को शांति और एकजुटता का संदेश दें. प्रधानमंत्री को संसद में आने में 14 दिन लग गए, हमें उम्मीद है कि वह प्रस्तावक कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई द्वारा उठाए गए सवाल का जवाब देंगे.
संसद में अविश्वास प्रस्ताव पर पीएम मोदी के जवाब देने पर रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी के सांसद एन.के. प्रेमचंद्रन ने कहा कि हम प्रधानमंत्री से ज्यादा उम्मीद नहीं कर रहे हैं क्योंकि केंद्रीय गृह मंत्री के कल के जवाब से यह बहुत स्पष्ट है कि वे विपक्ष द्वारा उठाए गए विशिष्ट प्रश्नों का उत्तर नहीं दे रहे हैं. केंद्र सरकार मणिपुर हिंसा से निपटने में बुरी तरह विफल रही है. कल के जवाब में केंद्रीय गृह मंत्री द्वारा मूल मुद्दे को नजरअंदाज किया गया है, इसलिए हम प्रधानमंत्री से भी इसी तरह के जवाब की उम्मीद कर रहे हैं.
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