बिहार में विपक्षी एकता की बैठक से पहले नीतीश कुमार को बड़ा झटका लगा है. उन्हीं के मंत्रिमंडल में शामिल जीतन राम मांझी के पुत्र एससी, एसटी कल्याण मंत्री डॉ. संतोष सुमन ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है. इस्तीफा देने के बाद डॉक्टर संतोष सुमन ने दावा किया कि उनकी पार्टी हम को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के स्तर से जदयू से गठबंधन के लिए दबाव बनाया जा रहा था, लेकिन जीतन राम मांझी इसके लिए तैयार नहीं थे. इसी के चलते सुमन ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है.
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बिहार सरकार में अपने मंत्रीपद से इस्तीफा देने के बाद पूर्व मंत्री डॉ. संतोष कुमार सुमन ने पटना में मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि हमारी पार्टी का अस्तित्व खतरे में था उसको बचाने के लिए हमने ये कदम उठाया है. मैं महागठबंधन आज भी रहना चाहता हूं. अभी मैंने ऐसा (NDA में शामिल होने की बात) पर कुछ नहीं सोचा है.
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक नीतीश कुमार ने जीतन राम मांझी को मैनेज करने के लिए विजय चौधरी को लगाया था. आज जीतन राम मांझी अपने बेटे संतोष सुमन के साथ विजय कुमार चौधरी से मिलने पहुंचे थे और उन्हें अपना इस्तीफा सौंप दिया. बाहर आते वक्त जीतन राम मांझी ने कहा कि नीतीश कुमार अगर उनकी मांगें मान लेते हैं तो महागठबंधन में बने रहेंगे. हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि उनकी मांगें क्या हैं.
पिछले कुछ दिनों से जीतन राम मांझी लगातार नीतीश कुमार से लोकसभा चुनाव में सीटों को लेकर मांग कर रहे थे. उन्होंने साफ कर दिया कि अगर उनकी पार्टी को लोकसभा चुनाव 2024 में सम्मानजनक भागीदारी नहीं मिली तो वह बिहार की सभी 40 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं. जीतन राम मांझी ने 5 सीटों की मांग की थी.
हम का आरोप
हम के प्रदेश अध्यक्ष प्रफुल्ल मांझी ने कहा कि उनकी पार्टी पर लगातार जदयू में विलय का दबाव था. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के स्तर से उनके पार्टी के विलय का दबाव था लेकिन जीतन राम मांझी इसके लिए तैयार नहीं थे. इस कारण डॉ. सुमन ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है.
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