दिल्ली: अयोध्या में राम जन्मभूमि को लेकर तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं. भगवान राम के निर्माणाधीन मंदिर का उद्घाटन अगले साल जनवरी के तीसरे हफ्ते में होने की संभावना है. इस बीच महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना (यूबीटी) अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने दावा किया कि अगर अयोध्या में राम मंदिर का उद्घाटन हुआ तो एक और गोधरा कांड जैसा कुछ हो सकता है. उनके इस बयान पर अब भाजपा नेताओं ने पलटवार किया है.
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भाजपा सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने उद्धव ठाकरे के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि सनातन विरोध इस तथाकथित घमंडिया गंठबंधन का संकल्प है. उद्धव ठाकरे कहते हैं कि अगर प्रभु राम के मंदिर का उद्घाटन होगा तो गोधरा जैसा नरसंहार हो जाएगा. इसका क्या मतलब है? ऐसी बात स्वर्गीय बाला साहब ठाकरे के पुत्र कह रहे हैं, जिन्होंने राम मंदिर आंदोलन में देश में नई ऊंचाई और साहस का परिचय दिखाया.
वहीं इस मामले को लेकर केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि उद्धव ठाकरे जब से सत्ता गई है तब से अनाप-शनाप बयानबाजी करते रहते हैं. कांग्रेस और इनके सहयोगी दल जिसमें उद्धव ठाकरे भी शामिल हैं, ये सनातन धर्म का अपमान और सनातन धर्म को जड़ से खत्म करने की बात कर रहे हैं. क्या आप इससे सहमत हैं? क्या ये बाबासाहेब अंबेडकर के संविधान का अपमान नहीं है? इनको अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए.
राम जन्मभूमि के प्रधान पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने भी उद्धव ठाकरे के इस बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि ऐसा कुछ भी नहीं होना…उद्धव ठाकरे द्वारा ऐसी कल्पना करना बिल्कुल गलत, बचकाना और नासमझी है. उन्हें ऐसा नहीं कहना चाहिए. बाल ठाकरे की राम मंदिर के लिए जो भावना थी उसके विपरीत भावना उद्धव ठाकरे की हो गई है क्योंकि वे कांग्रेस के साथ चले गए हैं, वे अब कांग्रेस वाली भाषा बोलने लगे हैं.
उद्धव के इस बयान पर मचा सियासी संग्राम
दरअसल बीते रविवार को जलगांव में महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने एक रैली को संबोधित करते हुए कहा था कि राम मंदिर के उद्घाटन के लिए देशभर से लोग अयोध्या पहुंचेंगे. जब वह वापस जायेंगे तो एक और गोधरा कांड होने की पूरी संभावना है. उद्धव ने कहा कि सरकार राम मंदिर के उद्घाटन के लिए बसों और ट्रकों में बड़ी संख्या में लोगों को आमंत्रित कर सकती है. इन सभी लोगों की वापसी के दौरान ही गोधरा में ट्रेन जलाने जैसी घटना को अंजाम दिया जा सकता है.
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