लखनऊ: पांच दिवसीय विशेष सत्र की कार्यवाही नए संसद भवन में शुरू हो चुकी है. दिल्ली में नए संसद भवन की तरह अब उत्तर प्रदेश में नई विधानसभा बनाने का फैसला किया गया है. जानकारी के मुताबिक, पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर नए विधानसभा भवन का शिलान्यास किया जा सकता है. इसके निर्माण पर योगी सरकार करीब 3000 करोड़ रुपये खर्च करेगी.
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कहां बनेगी नई विधानसभा?
जानकारी के मुताबिक, नए विधानसभा भवन का निर्माण निरामन दारुलशफा और उसके आसपास के इलाकों को मिलाकर किया जाएगा. योगी सरकार राजधानी लखनऊ में नई विधानसभा बनने का फैसला किया है. नई विधानसभा की आधारशिला इस साल के अंत में दिसंबर में ही रखी जा सकती है और निर्माण कार्य 2027 तक पूरा करने का लक्ष्य है. सरकार 25 दिसंबर 2023 को अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिन पर पीएम मोदी से इसका शिलान्यास कराना चाहती है.
वर्तमान इमारत 100 वर्ष पुरानी है
दरअसल, मौजूदा विधानसभा भवन 100 साल पुराना हो चुका है. यह लखनऊ के हजरतगंज में स्थित है, जब विधानसभा की कार्यवाही चल रही होती है तो कई जगहों पर ट्रैफिक की समस्या भी पैदा हो जाती है. दावा किया जा रहा है कि भविष्य में सदस्यों की संख्या और अन्य जरूरतों को ध्यान में रखते हुए नई विधानसभा जरूरी हो गई है. भविष्य में परिसीमन को देखते हुए मौजूदा विधानसभा काफी छोटी होगी. वर्तमान विधानसभा का उद्घाटन 1928 में हुआ था.
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार नए बनने जा रहे विधानभवन का उद्घाटन 2027 से पहले करने की कोशिश कर रही है. नए विधानसभा बनने को लेकर प्रस्ताव पहले ही पास हो चुका है. ऐसे में योगी सरकार का लक्ष्य है कि 18वीं विधानसभा का कम से कम एक सत्र का आयोजन नए विधानभवन में ही किया जाए.
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