लखनऊ: उमेश पाल अपहरण मामला में प्रयागराज एमपी-एमएलए कोर्ट ने माफिया से नेता बने अतीक अहमद को उम्रकैद की सजा सुनाई है. इतना ही नहीं उस पर 5 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है. कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए इस मामले में अतीक अहमद, दिनेश पासी और खान सौलत हनीफ को दोषी करार दिया है. जबकि अतीक अहमद के भाई अशरफ सहित अन्य सभी 7 अभियुक्तों को बरी कर दिया गया है.
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कोर्ट का फैसला आने के बाद उमेश पाल की पत्नी जया देवी ने कहा कि जब तक अतीक, उसके भाई, बेटे को खत्म नहीं किया जाएगा तब तक यह आतंक चलता रहेगा. मैं न्यायपालिका के फैसले का सम्मान करती हूं. मैं मुख्यमंत्री जी से चाहूंगी की अतीक अहमद को खत्म किया जाए जिससे उसके आतंक पर भी अंकुश लगे. उमेश की मां ने कहा कि मेरा बेटा शेर की तरह लड़ाई लड़ता चला आया, जब उसे (अतीक अहमद) लगा कि वह नहीं बच पाएगा तब उसने 17-18 साल बाद मेरे बेटे की हत्या कराई. कोर्ट मेरे बेटे की हत्या पर उसे (अतीक अहमद) फांसी की सज़ा सुनाए. वह नोट के बल पर आगे कुछ भी कर सकता है.
अतीक अहमद पर आए कोर्ट के फैसले को लेकर उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने कहा कि हमारी सरकार अपराध और अपराधियों का सफाया कर रही है. अदालत में पैरवी की जा रही है. एक-एक अपराधी को कड़ी से कड़ी सज़ा मिलनी चाहिए. पूरे प्रदेश में भयमुक्त वातावरण बना है. हम हर अपराधी को जेल भेजेंगे.
गौरतलब है कि प्रयागराज के बहुचर्चित राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल और उसके सुरक्षा गार्ड संदीप निषाद की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. धूमनगंज थाना क्षेत्र में उमेश पाल के घर के बाहर अज्ञात लोगों ने बम और गोलियों से हमला कर दिया था. इस हमले में उमेश पाल के अलावा उसके दो सुरक्षाकर्मी भी घायल हो गए थे. राजू पाल बहुजन समाज पार्टी के विधायक थे और 2005 में उनकी हत्या कर दी गई थी. उमेश पाल इस हत्याकांड का मुख्य गवाह था. राजू पाल की हत्या का मुख्य आरोपी माफिया अतीक अहमद ही है.
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