हाल के दिनों में सोशल मीडिया एक अखाड़ा बन गया है. धर्म के नाम पर अक्सर कुछ ऐसा कहा या चर्चा की जाती है जिससे विवाद पैदा होता है. फिलहाल सोशल मीडिया पर रामचरितमानस को लेकर बवाल मचा हुआ है. रामचरितमानस पर विवादित टिप्पणी करने वालों की कतार में अब सपा नेता और एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य का नया नाम शामिल हो गया है. स्वामी प्रसाद मौर्य का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमें वह कहते नजर आ रहे हैं कि रामचरितमानस में शूद्रों का अपमान किया गया है. उन्होंने कहा कि ऐसी किताबों से इस तरह के दोहों और चौपाईयों को हटा देना चाहिए या प्रतिबंधित कर देना चाहिए.
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स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरितमानस के कुछ श्लोकों को उद्धृत करते हुए कहा कि ब्राह्मण भले ही गुणों से रहित हो, उनकी पूजा की जानी चाहिए. दूसरी ओर शूद्र भले ही वेदों को जानता हो, वह पूजा के योग्य नहीं है. क्या यह धर्म है? करोड़ों लोग रामचरितमानस नहीं गाते. अब मौर्य के इस बयान के बाद विरोध भी शुरू हो गया है. इस बयान को लेकर भाजपा नेताओं ने स्वामी प्रसाद मौर्य के साथ ही साथ सपा पर भी निशाना साधना शुरू कर दिया है.
सपा में शामिल होने के बाद जानबूझकर एजेंडे के तहत इस तरह का बयान दिया
स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान पर बीजेपी नेता राकेशधर त्रिपाठी ने कहा कि जब तक वे भारतीय जनता पार्टी में थे तब तक उन्होंने स्वामी प्रसाद मौर्य के मुंह से कभी कोई अपशब्द नहीं सुना, लेकिन जब से वे समाजवादी पार्टी में शामिल हुए तब से जानबूझकर के बयान पर विवाद हो रहा है. समाजवादी पार्टी के एजेंडे के तहत हिंदुओं को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की जा रही है.
रामचरितमानस पर स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान को लेकर उत्तर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्य जैसे लोग विक्षिप्त हैं और अखिलेश यादव को बताना चाहिए ये उनकी पार्टी का विचार है या स्वामी प्रसाद का निजी विचार है. सपा हमेशा देश विरोधी लोगों के साथ खड़ी रही है.
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