भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर इन दिनों आस्ट्रेलिया के कैनबरा के दौरे पर हैं. कैनबरा पहुंचे भारतीय विदेश मंत्री का शानदार स्वागत किया गया. उनके आगमन को लेकर आस्ट्रेलिया के पुराने संसद भवन को तिरंगे की लाइटनिंग से सजाया गया था. अलग-अलग बैठकों में हिस्सा लेने के बाद भारत और ऑस्ट्रेलिया के विदेश मंत्रियों की संयुक्त प्रेस वार्ता का भी आयोजन किया गया.
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भारत-ऑस्ट्रेलिया संयुक्त प्रेस वार्ता में भारत के विदेश मंत्री ने कहा कि आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौता जो इस साल दोनों देशों के बीच हुआ था वह बहाली की तरफ है और उसको लेकर हम उत्साहित हैं. हमें दोहरी कर – प्रणाली में भी संशोधन करना है क्योंकि उससे हमारे व्यापार बढ़ोतरी में खलल पड़ता है. हमने कई क्षेत्र जैसे महत्वपूर्ण खनिज, साइबर, नई और नवीकरणीय ऊर्जा आदि में काम किया और हमारे साथियों ने जो काम किया उसको एकीकृत किया है. इस साल के जून से अब तक मेरे 6 साथियों (केंद्रीय मंत्रियों) ने ऑस्ट्रेलिया का दौरा किया है.
इसके अलावा भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने कहा कि रूस के साथ हमारे लंबे समय से संबंध हैं और इस संबंध दोनों देशों के बीच अच्छे रहे हैं. हमारे पास सोवियत और रूसी मूल के हथियारों की पर्याप्त मात्रा है. यह सूची विभिन्न कारणों से बढ़ी है. पश्चिम दशकों से भारत को हथियारों की आपूर्ति नहीं कर रहा था और हमारे बगल में सैन्य तानाशाही को पसंदीदा भागीदार के रूप में देख रहा था. आंतरिक राजनीति में ऐसे निर्णय लेते हैं जो हमारे भविष्य और वर्तमान स्थिति को प्रतिबिंबित करते हैं.
खालिस्तानी मुद्दे पर भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने कहा कि हमने समय-समय पर यह मामला कनाडा की सरकार के सामने रखा है. हमने यह बात रखी है कि लोकतांत्रिक देशों में जो आज़ादी मिली है उसका दुरुपयोग उन ताकतों द्वारा नहीं होना चाहिए जो हिंसा और कट्टरता का साथ देते हैं.
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