नई दिल्ली: जहां एक तरफ आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उत्तर प्रदेश के बस्ती में सांसद खेल महाकुंभ 2022-2023 के दूसरे चरण का उद्घाटन किया. वहीं दूसरी तरफ रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के खिलाफ खिलाड़ियों ने मोर्चा खोल दिया है. कई दिग्गज खिलाड़ी दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरने पर बैठ गए हैं. खिलाड़ी कुश्ती महासंघ के मुखिया बृजभूषण शरण के खिलाफ धरने पर बैठे हैं. धरने पर बैठे खिलाड़ियों से मिलने के लिए भारतीय कुश्ती महासंघ के पदाधिकारी जंतर-मंतर पहुंचे हैं.
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विरोध प्रदर्शन कर रहे बजरंग पुनिया ने कहा कि जब तक न्याय नहीं मिलेगा हम यहां से नहीं हटेंगे. खिलाड़ी अब तानाशाही नहीं सहेंगे. कई दिनों से खिलाड़ियों को दबाया जा रहा है. हमारी लड़ाई सरकार से नहीं है बल्कि फेडरेशन से है. हम चाहते हैं कि फेडरेशन का बदलाव हो और रेस्लिंग को भारतीय कुश्ती महासंघ द्वारा पहलवानों को परेशान किया जा रहा है. जो लोग WFI का हिस्सा हैं, उन्हें इस खेल के बारे में कुछ नहीं पता है.
जंतर-मंतर पर WFI के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान भावुक होते हुए भारतीय पहलवान व ओलंपियन विनेश फोगाट ने कहा, “फेडरेशन की ओर से खिलाड़ियों का शोषण किया गया. महिला पहलवान को कई तरह परेशानी होती है, कुश्ती के अध्यक्ष द्वारा महिला खिलाड़ियों का शोषण किया गया. फेडरेशन खिलाड़ियों पर जबरदस्ती बैन लगाती है जिससे खिलाड़ी न खेल सके. किसी भी खिलाड़ी को कुछ होता है तो उसके ज़िम्मेदार कुश्ती संघ के अध्यक्ष होंगे.
विरोध प्रदर्शन कर रहे खिलाड़ियों से मिलने पहुंचे रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के सहायक सचिव विनोद तोमर ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि हमें प्रदर्शन की सूचना मिली जिसके बाद मैं पहलवानों से पूछने आया हूं कि उन्हें क्या समस्या है. ये लोग एक बार फेडरेशन के सामने आए, उसके बाद इनकी समस्याओं का समाधान किया जाएगा. फेडरेशन के पास अभी तक इनके द्वारा कोई शिकायत नहीं मिली है.
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