जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले में हाल ही में हुए आतंकी हमले में आम नागरिकों की हत्या को लेकर केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की अतिरिक्त 18 कंपनियां यानी 1800 जवानों को तैनात करने का फैसला लिया गया है. मिल रही जानकारी के मुताबिक पुंछ और राजौरी जिलों में जवानों की तैनाती की जाएगी. जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले में दो आतंकवादी घटनाओं में दो चचेरे भाइयों समेत छह लोगों की मौत होने के बाद यह फैसला लिया गया है. लेकिन केंद्र के इस फैसले पर पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने निशाना साधा है.
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आतंकी हमले के मद्देनजर पुंछ और राजौरी में और सुरक्षाबल तैनात करने पर PDP प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने कहा कि यहां और सुरक्षा बल लाने से मसला तो हल नहीं होगा बल्कि यहां पर दो भाइयों को आपस में लड़ाने की स्थिति बन जाएगी. अगर हालात ठीक है तो BJP यहां पर और फौज क्यों ला रही है? इसका यही मतलब है कि बीजेपी यहां की स्थिति को कंट्रोल करने में पूरी तरह नाकामयाब हो गई है.
इससे पहले भी मोदी सरकार पर साध चुकी हैं निशाना
राजौरी में आतंकी हमले को लेकर महबूबा मुफ्ती ने कहा था कि पिछले 4-5 सालों से जो हुकूमत बनी हुई है उसके अंदर जो भी हो रहा है, उसे लेकर जवाबदेह कौन है? क्यों हुआ ये हादसा? जम्मू कश्मीर के जो हालात हैं वो बहुत चिंताजनक है. 370 हटाने और 35A के समय कोई कमेटी नहीं बनाई, फिर अब लद्दाख में लोगों को रोजगार देने पर कमेटी बनाने का क्या नाटक क्यों, जम्मू के लोगों ने भाजपा को वोट दिया लेकिन अब उनपर हमले हो रहे हैं तो भाजपा तमाशा देख रही है.
इससे पहले सोमवार को एक आईईडी विस्फोट में दो चचेरी बहनों की मौत हो गई थी. जबकि रविवार शाम राजौरी जिले के इलाके में आतंकवादियों ने तीन घरों में गोलीबारी की, जिसमें चार नागरिकों की मौत हो गई और छह घायल हो गए. मंगलवार को मृतकों का उनके गृहनगर में अंतिम संस्कार किया गया. पुलिस ने हमले में शामिल आतंकियों की जानकारी देने वाले को 10 लाख रुपये के इनाम की घोषणा की है. हमले के विरोध में मंगलवार को किश्तवाड़ जिले में बंद रखा गया. शहर में दुकानें और व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहे और सड़कों पर वाहनों का आवागमन आंशिक रूप से बंद रहा.
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