नई दिल्ली: लैंड फॉर जॉब मामले में गुरुवार को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई हुई. कोर्ट ने मामले से जुड़े सभी आरोपियों के पासपोर्ट जमा कराने का आदेश दिया है. इतना ही नहीं कोर्ट ने कहा कि विदेश जाने से पहले कोर्ट की इजाजत लेनी होगी. इस मामले में लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव समेत 16 लोगों को आरोपी बनाया गया है.
Advertisement
Advertisement
अगली सुनवाई 29 नवंबर को होगी
कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई 29 नवंबर को तय की है. इससे पहले इस मामले की सुनवाई 16 अक्टूबर को हुई थी. इसके बाद कोर्ट ने लालू को राहत देते हुए उन्हें हर सुनवाई में शामिल नहीं होने की इजाजत दे दी थी. इसके साथ ही कोर्ट ने डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को सरकारी दौरे पर विदेश जाने की इजाजत दी थी. कोर्ट ने इस मामले में लालू प्रसाद और राबड़ी देवी को 50 हजार रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दी है.
क्या है नौकरी के बदले जमीन घोटाले का मामला
सीबीआई का कहना है कि जब लालू यादव रेल मंत्री थे तब नौकरी के बदले कथित जमीन घोटाला हुआ था. आरोप है कि लालू यादव ने रेल मंत्री रहते हुए गुपचुप तरीके से पटना के 12 लोगों को ग्रुप डी की नौकरी दी थी और उनसे पैसे की मांग की थी. उनके परिवार वालों ने पटना में जमीन की रजिस्ट्री कराई थी. सीबीआई का दावा है कि प्लॉट लालू यादव की पत्नी राबड़ी देवी, बेटी मीसा भारती और हेमा यादव के नाम पर दर्ज थे और जमीन की नाममात्र की कीमत नकद में अदा की गई थी. इतना ही नहीं आवेदन के तीन दिन के भीतर नौकरी भी दे दी गई थी.
इस मामले में सीबीआई ने तीन जुलाई को पूरक आरोप पत्र दाखिल किया था. इस चार्जशीट में पहली बार बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव का नाम सामने आया था. सीबीआई ने इस मामले में लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी समेत 16 लोगों को आरोपी बनाया है, जिनमें रेलवे अधिकारियों और नौकरी पाने वाले लोगों के नाम भी शामिल हैं.
सीएम सिद्धारमैया ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर 15 महीने के बच्चे के लिए मांगी मदद
Advertisement