देहरादून: उत्तराखंड के जोशीमठ में भूस्खलन से 600 से अधिक परिवार खतरे में हैं. जोशीमठ में भूस्खलन से 561 घरों में दरारें आ गई हैं, जिससे स्थानीय लोगों में भय का माहौल है. इस बीच उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि किसी भी समय सारा ढांचा ढह सकता है. जोशीमठ को दूसरी जगह बसाया और नया जोशीमठ बनाया जाना चाहिए. जोशीमठ के कारणों को पता लगाया जाए और इसे राष्ट्रीय आपदा के रूप में लेकर इसको बनाया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि प्रभावित परिवारों को बद्रीनाथ के तर्ज़ पर मुआवजा दिया जाए.
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उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जोशीमठ में भूस्खलन को लेकर मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि मैंने सभी से अनुरोध किया है कि ये समय मिलकर काम करने का है, लोग इस काम पर लगे हुए भी हैं. खतरे में आने वाले 68 मकान में रहने वालों को सुरक्षित जगह शिफ्ट किया गया है और 600 से अधिक मकानों का जो एक जोन बना है वहां से भी लोगों को शिफ्ट किया जा रहा है. पीएम मोदी भी इसकी लगातार समीक्षा कर रहे हैं और हमें हर प्रकार से सहायता देने का आश्वासन दिया है.
जोशीमठ भू-धंसाव को लेकर चमोली के जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने कहा कि जोशीमठ नगर पालिका और आसपास के क्षेत्र में सभी निर्माण कार्य पर अग्रीम आदेश तक रोक लगाई है. जो भी लोग अस्थाई रूप से विस्थापित हुए हैं उनको राहत सामग्री दी जा रही है. हमारे अधिकारी लोगों से लगातार मिल रहे हैं और उनकी परेशानियों का दूर करने में लगे हैं.
मीडिया से बातचीत करते हुए DM हिमांशु खुराना ने कहा कि आपदा प्रबंधन विभाग ने अधिसूचना जारी की है जिसमें जोशीमठ नगर पालिका क्षेत्र को आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत आपदा प्रभावित क्षेत्र घोषित किया है. भारत सरकार की तरफ से जल शक्ति मंत्रालय की हाई लेवल टीम और गृह मंत्रालय से सीमा प्रबंधन के सचिव की टीम जोशीमठ आ रही है.
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