भारत में बनी पनडुब्बी वागीर को भारतीय नौसेना में शामिल कर लिया गया है. इस मौके पर आयोजित समारोह में नौसेना प्रमुख एडमिरल आर. मुख्य अतिथि के रूप में आर हरि कुमार उपस्थित रहे. यह पनडुब्बी ‘वागीर’ पूरी तरह से भारत में बनी है. इसे मझगोन डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड मुंबई में बनाया गया है. सबमरीन ‘वागीर’ को समंदर की साइलेंट किलर भी कहा जाता है.
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यह कलावरी सीरीज की पांचवीं सबमरीन है. भारतीय नौसेना में चार पनडुब्बियां पहले ही शामिल की जा चुकी हैं. एमडीएल ने यह पांचवीं पनडुब्बी नवंबर 2022 में नौसेना को सौंपी थी. कमांडिंग ऑफिसर कमांडर दिवाकर एस ने कहा कि यह पनडुब्बी नौसेना और देश की सुरक्षा और जरूरतों को पूरा करने के लिए पूरी तरह से तैयार है. उन्होंने यह भी कहा कि इसे आत्मनिर्भर भारत बनने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा सकता है.
पनडुब्बी की विशेषताएं क्या हैं?
यह पनडुब्बी 67 मीटर लंबी और 21 मीटर ऊंची है. पनडुब्बी की पानी के ऊपर 20 किमी प्रति घंटे और पानी के नीचे 40 किमी प्रति घंटे की गति क्षमता है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पनडुब्बी में 50 से ज्यादा नाविकों और नौसेना अधिकारियों के साथ काम किया जा सकता है. साथ ही यह 16 टॉरपीडो, आधुनिक मिसाइलों से लैस है. इतना ही नहीं स्टील्थ टेक्नोलॉजी से यह रडार की पकड़ में भी नहीं आती और किसी भी मौसम में कार्य करने में सक्षम है.
‘वागीर’ पनडुब्बी बहुत कम समय में बनकर तैयार हो गई
‘वागीर’ पनडुब्बी को अपने नए अवतार में लॉन्च किया गया है और अब तक की सभी पनडुब्बियों में से सबसे कम निर्माण समय का दावा करती है. समुद्री परीक्षणों की शुरुआत करते हुए 22 फरवरी को पहली यात्रा के लिए तैयार है. इस दौरान वह कठिन और चुनौतीपूर्ण समुद्री परीक्षणों से गुजर चुकी है. एमडीएल ने 20 दिसंबर 22 को पनडुब्बी को भारतीय नौसेना को सौंप दिया था.
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