लखनऊ: सपा नेता और एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरितमानस के खिलाफ विवादित बयान देने के बाद अब उनके खिलाफ आवाज उठाने वाले साधु और संतों पर निशाना साधा है. लखनऊ में मीडिया से बातचीत करते हुए मौर्य ने कहा कि अगर किसी और धर्म का व्यक्ति किसी की गर्दन काटने या जीभ काटने का बयान देता तो यही धर्मगुरु संत-महंत उसे आतंकवादी कह देते हैं, लेकिन आज ये लोग मेरे सिर काटने, जीभ काटने की बात कर रहे हैं तो क्या मैं इन्हें शैतान, जल्लाद, आतंकी न समझूं.
Advertisement
Advertisement
सपा नेता बढ़ते विवाद के बीच कहा कि मैंने रामचरितमानस के चौपाई के कुछ अंशों की बात की थी जिसमें स्त्रियों, आदिवासियों और पिछड़ी जातियों को नीच का दर्ज़ा दिया गया है. गाली कभी धर्म का हिस्सा नहीं हो सकती. मैं जो बोल देता हूं कभी उसका खंडन नहीं करता.
आचार्य सत्येंद्र दास ने किया पलटवार
राम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि साधु-संत भगवान के भक्त हैं, वो उनके कहने से आतंकवादी-जल्लाद नहीं हो जाएंगे. जिसकी जो मानसिकता होती है वो वही साधुओं के प्रति व्यक्त करता है. उनकी मानसिकता जल्लाद, राक्षस, पिशाच की है, इसी भाव से वे बोल रहे हैं.
मौर्य के इस बयान पर मचा था बवाल
गौरतलब है कि बीते दिनों स्वामी प्रसाद मौर्य का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था जिसमें वह कहते नजर आ रहे हैं कि रामचरितमानस में शूद्रों का अपमान किया गया है. उन्होंने कहा कि ऐसी किताबों से इस तरह के दोहों और चौपाईयों को हटा देना चाहिए या प्रतिबंधित कर देना चाहिए. मौर्य ने कुछ श्लोकों को उद्धृत करते हुए कहा कि ब्राह्मण भले ही गुणों से रहित हो, उनकी पूजा की जानी चाहिए. दूसरी ओर शूद्र भले ही वेदों को जानता हो, वह पूजा के योग्य नहीं है. क्या यह धर्म है? करोड़ों लोग रामचरितमानस नहीं गाते.
राजस्थान में बोले सीएम योगी, सनातन भारत का राष्ट्रीय धर्म, कांग्रेस ने किया पलटवार
Advertisement