गांधीनगर: गुजरात में सरकार द्वारा जंत्री के दाम 100 फीसदी बढ़ाए जाने से बिल्डर लॉबी और लोग नाराज हैं. सरकार ने बिल्डर और लोगों के गुस्से के बीच रास्ता निकालने की कोशिश की और जंत्री के दाम बढ़ाने के मुद्दे पर बैठक की. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों के साथ बैठक में प्रतिनिधियों को आश्वासन दिया कि आम लोगों को ध्यान में रखते हुए सही निर्णय लिया जाएगा. इन सबके बीच शनिवार शाम 7 बजे के बाद जारी जंत्री के दाम बढ़ाने की अधिसूचना की चर्चा हो रही है. गुजरात की भूपेंद्र सरकार भी जंत्री की कीमत पर अधिसूचना जारी कर केंद्र की मोदी सरकार के नक्शेकदम पर चलती दिख रही है. गौरतलब है कि 7 साल पहले 8 नवंबर 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रात 8 बजे 500 और 1000 रुपये के पुराने नोट बंद कर दिया था.
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गुजरात सरकार 2011 के बाद अचानक जंत्री के दाम में 100 फीसदी की बढ़ोतरी की है. गुजरात सरकार के राजस्व विभाग द्वारा शाम 7 बजे के बाद जारी अधिसूचना के मुताबिक यह मूल्य वृद्धि रविवार 5 फरवरी से लागू कर दी गई है. गुजरात सरकार ने रातों-रात राज्य में जंत्री दरों को दोगुना कर दिया है. सरकार के इस फैसले से लोगों और बिल्डर लॉबी में रोष है.
जंत्री कीमतों में बढ़ोतरी के बाद रविवार को द कन्फेडरेशन ऑफ रियल एस्टेट डेवलपर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (CREDAI) अहमदाबाद, गुजरात इंस्टीट्यूट ऑफ हाउसिंग एंड एस्टेट डेवलपर्स (GAHAD) की वर्चुअल मीटिंग हुई, जिसमें जंत्री के दाम दोगुने करने के प्रभाव पर चर्चा की गई. जंत्री के दाम 12 साल बाद बढ़ाए जाने से कई बिल्डर परेशान हैं. कुछ बिल्डरों का कहना है कि हम जंत्री के दाम रातों-रात बढ़ाए जाने का विरोध कर रहे हैं.
गुजरात में जंत्री की कीमत में 100 प्रतिशत की वृद्धि से भूमि, फ्लैट और व्यावसायिक संपत्तियों की कीमत में 25 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि होने की संभावना है. अहमदाबाद के प्रह्लादनगर, बोडकदेव, राजपथ और कर्णावती क्लब के पीछे के इलाके में मौजूद जमीन काफी महंगी है ऐसे में इस फैसले के बाद बंगले और फ्लैटों की कीमत पहले से कहीं ज्यादा बढ़ जाएगी. गुजरात सरकार के इस फैसले की वजह से 50,000 से 1 लाख या उससे अधिक मासिक वेतन वालों को आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के समान संपत्तियां खरीदकर ही संतोष करना होगा.
जंत्री के भाव में वृद्धि से नागरिक और बिल्डर कैसे प्रभावित होंगे?
जंत्री की कीमत बढ़ने पर बिल्डर को जमीन के बकाया मूल्य पर दोगुना स्टांप शुल्क देना होगा. जिससे प्रोजेक्ट की लागत दोगुनी हो जाएगी. इतना ही नहीं दस्तावेज़ की लागत भी बढ़ेगी. मसलन, अहमदाबाद शहर के भाडज, शीलज समेत अन्य इलाकों में 100 वार के अफोर्डेबल मकान 80 से 85 लाख में बिकता है, जिसका 35 लाख का दस्तावेज होता है. लेकिन अब इसी मकान को खरीदने के लिए 70 लाख के दस्तावेज की जरूरत होगी.
इस फैसले की वजह से जमीन की मांग कीमत सीधे दोगुनी हो जाएगी. किसी भी परियोजना के लिए भूमि क्रय करने पर देय स्टाम्प शुल्क दोगुना हो जाएगा. जैसे 10 करोड़ की जमीन पर 60 लाख स्टांप शुल्क देय था, जो अब बढ़कर 1.20 करोड़ होगा. बिल्डरों को जमीन के लिए ज्यादा कीमत चुकानी होगी. साथ ही एफएसआई की खरीद की कीमत भी बढ़ेगी.
जंत्री के दाम में 100 फीसदी की बढ़ोतरी किए जाने से लोगों में खासा रोष
जंत्री के दाम बढ़ाने को लेकर लोग सोशल मीडिया पर सरकार पर अपना गुस्सा निकाल रहे हैं. सोशल मीडिया पर इस बात की भी चर्चा हो रही है कि सरकार ने 156 सीटों का भारी बहुमत देने वाली जनता को “8PM” का रिटर्न गिफ्ट दे रही है.
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