मुंबई: लंबी कानूनी लड़ाई लड़ने के बाद चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकेर को बड़ा झटका दिया है. आयोग कल आदेश दिया कि पार्टी का नाम “शिवसेना” और पार्टी का प्रतीक “धनुष और तीर” एकनाथ शिंदे गुट को दिया जाएगा. इस फैसले के बाद राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और उनके गुट के नेता संजय राउत ने बड़ा हमला बोला है.
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चुनाव आयोग के फैसले के बाद उद्धव ठाकरे ने कहा कि मैंने कहा था कि चुनाव आयोग को सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले फैसला नहीं देना चाहिए. यदि विधायकों और सांसदों की संख्या के आधार पर पार्टी का अस्तित्व तय किया जाता है, तो कोई भी पूंजीपति विधायक, सांसद खरीद सकता है और मुख्यमंत्री बन सकता है. हम निश्चित तौर पर चुनाव आयोग के इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे. हमें यकीन है कि सुप्रीम कोर्ट इस आदेश को रद्द कर देगा और 16 विधायकों को सुप्रीम कोर्ट द्वारा अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा.
शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के मुताबिक ये अन्याय है, देश में तानाशाही की शुरुआत हो गई है, ऐसा ऐलान प्रधानमंत्री कर दें तो ज्यादा अच्छा रहेगा. देश में प्रजातंत्र नहीं रहा. उनमें चुनाव कराने की हिम्मत नहीं है. सभी उनके गुलाम हैं. आप कहते हैं कि कांग्रेस ने भी देश में सरकार गिराई थी, इसलिए तो आपको लाया था अब आप भी यही कर रहे हैं. इंदिरा गांधी में इमरजेंसी लगाने की हिम्मत थी, आपमें हिम्मत नहीं है. हम फैसले को चुनौती देंगे. सुप्रीम कोर्ट हमारी आखिरी उम्मीद है.
चुनाव आयोग के फैसले पर उद्धव गुट के नेता संजय राउत ने कहा कि देश में लोकतंत्र बचा ही नहीं है. सब ग़ुलाम बनकर बैठे हैं, ये लोकतंत्र की हत्या है. इस सरकार ने करोड़ो रुपये पानी की तरह बहाया है वो पानी कहां तक पहुंचा है ये दिख रहा है. हमें फिक्र करने की ज़रूरत नहीं है क्योंकि जनता हमारे साथ है. हम नया चिह्न लेकर जाएंगे और फिर एक बार यही शिवसेना खड़ी करके दिखाएंगे.
चुनाव आयोग का बड़ा फैसला, एकनाथ शिंदे गुट को दिया शिवसेना का नाम और प्रतीक चिन्ह
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