असम पुलिस ने गुरुवार को दिल्ली से कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष पवन खेड़ा को गिरफ्तार किया था. इस गिरफ्तारी के खिलाफ कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. कांग्रेस की याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मामले को रद्द कराने के लिए उच्च न्यायालय में जाएं, हम मजिस्ट्रेट से उनको अंतरिम जमानत देने के लिए कहेंगे. इसके साथ -साथ अदालत ने एक स्थान पर सभी मामलों को स्थानांतरित करने की मांग पर यूपी और असम पुलिस को नोटिस जारी किया है.
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वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने अदालत को बताया कि असम में पंजीकृत मामले में पवन खेड़ा को हिरासत में लिया गया है. उनके खिलाफ देश भर में मामले दर्ज किए जा रहे हैं. जबकि वह पहले से ही इस मामले को लेकर माफी मांग चुके हैं. चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की बैंच ने मामले की सुनवाई की, मामले की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश ने पूछा कि पवन खेड़ा कौन है? सिंघवी ने कहा कि वह कांग्रेस के प्रवक्ता हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने असम, यूपी पुलिस को कांग्रेस नेता पवन खेड़ा की FIR को एक साथ करने की याचिका पर नोटिस जारी किया है. SC ने सुनवाई की अगली तारीख तक याचिकाकर्ता को द्वारका कोर्ट से अंतरिम जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया. सुप्रीम कोर्ट ने द्वारका कोर्ट को खेड़ा को अंतरिम राहत देने का निर्देश दिया है.
वरिष्ठ अधिवक्ता सिंघवी ने पवन खेड़ा का प्रतिनिधित्व करते हुए, सुप्रीम कोर्ट को बताया कि खेड़ा ने माफी मांगी है और वह एक गलती थी. असम पुलिस की ओर से पेश वकील ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि उन्हें (पवन खेड़ा) गिरफ्तार किया है और ट्रांजिट रिमांड के लिए अदालत में पेश किया जाएगा.
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