मेघालय में नेशनल पीपुल्स पार्टी के लिए नई सरकार बनाने की राह आसान नहीं दिख रही है. क्षेत्रीय पार्टी के दो विधायकों ने कोनराड संगमा को समर्थन दिया था. लेकिन अब दोनों विधायकों ने अपना समर्थन वापस ले लिया है. संगमा ने शुक्रवार को राज्यपाल को 32 विधायकों के हस्ताक्षर वाला समर्थन पत्र सौंपकर नई सरकार बनाने का दावा पेश किया था. मेघालय में बहुमत का आंकड़ा 31 है.
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राज्यपाल को सौंपे गए पत्र में एनपीपी के 26, भाजपा के दो, हिल स्टेट पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (एचएसपीडीपी) के दो और दो निर्दलीय विधायकों के हस्ताक्षर हैं. संगमा ने सरकार बनाने का दावा करने के बाद कहा कि हमारे पास पूर्ण बहुमत है. लेकिन देर शाम मेघालय की राजनीति में नया मोड़ आ गया. एचएसपीडीपी ने एक पत्र जारी कर दावा किया कि उसने एनपीपी के नेतृत्व वाली सरकार के गठन का समर्थन करने के लिए पार्टी के विधायकों को अधिकृत नहीं किया था.
एचएसपीडीपी के अध्यक्ष केपी पांगनियांग और सचिव पैनबोरलांग रिनथियांग ने कोनराड को लिखे एक पत्र में कहा, “एचएसपीडीपी ने दो विधायकों- मेथोडियस डखर और शकलियर वारजारी को आपकी सरकार के गठन के लिए समर्थन देने के लिए अधिकृत नहीं किया है.” उन्होंने आगे कहा, “इस मामले में एचएसपीडीपी की कोई भूमिका नहीं है और इसलिए वह आपकी पार्टी से अपना समर्थन वापस लेती है.”
एचएसपीडीपी के पत्र पर एनपीपी की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई. इससे पहले शुक्रवार को यूनाइटेड डेमोक्रेटिक पार्टी, कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, एचएसपीडीपी, पीपुल्स डेमोक्रेटिक फ्रंट (पीडीएफ) और वॉयस ऑफ द पीपल्स पार्टी (वीपीपी) के नवनिर्वाचित विधायकों और नेताओं ने संयुक्त मोर्चा बनाने के लिए शुक्रवार को शिलांग में बैठक की. जिसमें एनपीपी को सत्ता में लौटने से रोकने की रणनीति बनाई गई है.
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