नई दिल्ली: संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी घोटाला मामले को लेकर एक बार फिर से राजस्थान की सियासत तेज हो गई है. केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत आमने-सामने आ गए हैं. इस मामले को लेकर गजेंद्र सिंह ने सीएम गहलोत के खिलाफ दिल्ली की राउज एवेन्यू अदालत में मानहानि का केस दर्ज कराया है. जिसके बाद दोनों नेता एक बार फिर आमने सामने आ गए हैं.
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केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने केस दर्ज कराने के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि लगभग 3 साल तक CM ने मेरा नाम अनेक अवसर पर एक ऐसी कोऑपरेटिव सोसाइटी के साथ जोड़कर चरित्र हनन करने की कोशिश की जिसका न तो मैं और न ही मेरे परिवार का कोई प्राथमिक सदस्य, डिपॉसिटर आदि है. उन्होंने जोधपुर में मुझे इस मामले में अभियुक्त करार दिया है. उन्होंने न सिर्फ मेरा चरित्र हनन करने की कोशिश की बल्कि मेरी दिवंगत मां को भी अभियुक्त करार दिया, जिसके चलते मैंने धारा 500 के तहत मानहानि का मुकदमा दायर किया है.
केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के आरोपों पर पलटवार करते हुए सीएम गहलोत ने कहा कि उनके(गजेंद्र सिंह शेखावत) मानहानि के केस का हम स्वागत करेंगे, कम से कम इसी बहाने ये केस आगे बढ़ेगा. जिन 2-3 लाख गरीबों के पैसे डूबे हैं उनका पैसा कहां गया? वो खुद मुजरिम हैं, उनकी पत्नी, साला, पिता जी और माता जी का नाम है. इन्हें शर्म आनी चाहिए थी, मंत्री बनने के बाद इन्हें आगे बढ़कर लोगों से बात करनी चाहिए थी. ये केस आगे बढ़ेगा तो गरीबों का ये मुद्दा राष्ट्रीय मुद्दा बनेगा. मैं चाहता हूं कि PM मोदी और गृह मंत्री अमित शाह तक ये बात जाए.
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