गांधीनगर: मोरबी पुल हादसा मामले में ओरेवा कंपनी के प्रबंध निदेशक जयसुखभाई पटेल की अंतरिम जमानत याचिका को मोरबी जिला एवं सत्र न्यायालय ने खारिज कर दी है. जयसुख पटेल के वकील ने याचिका दाखिल कहा था कि बैंक के काम और पीड़ितों को मुआवजा देने के लिए जयसुख पटेल को अंतरिम जमानत दी जाए. बीते दिनों मोरबी जिला एवं सत्र न्यायालय में दोनों पक्ष की ओर बहस पुरी होने के बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.
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गौरतलब है कि बीते दिनों गुजरात हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए जयसुख पटेल को पीड़ित की मदद के लिए मुआवजा देने का आदेश दिया था. वहीं कोर्ट में लोक अभियोजक द्वारा यह तर्क दिया गया कि जयसुख पटेल तीन महीने से फरार था और एक महीने से जेल में है. मुआवजा देने के लिए जयसुख पटेल जमानत नहीं दी जानी चाहिए. उसके जेल में होने के बाद भी कंपनी का कामकाज चल रहा है. दोनों पक्ष की दलील सुनने के बाद कोर्ट अब जमानत याचिका पर 7 मार्च को अपना फैसला सुनाएगी.
मोरबी हादसा मुआवजे के मुद्दे पर हाईकोर्ट ने दिया अहम आदेश
इससे पहले मोरबी ब्रिज हादसे में मुआवजे के मुद्दे पर हाईकोर्ट ने अहम आदेश दिया था. गुजरात हाईकोर्ट ने ओरेवा कंपनी को मृतक के परिजनों को 10-10 लाख रुपये देने का आदेश दिया था. इतना ही नहीं हादसे के प्रत्येक घायलों को दो लाख का भुगतान करने का भी आदेश दिया था. जबकि इस हादसे की वजह से जो 7 बच्चे अनाथ हो गए हैं उनकी देखभाल करने का आदेश सुनाया था. फैसला सुनाते हुए गुजरात हाईकोर्ट ने कहा कि कंपनी को मुआवजा देकर यह नहीं समझना चाहिए की पुलिस की कार्रवाई से राहत मिलेगी. केस की कार्यवाही और मुआवजे से कोई लेना-देना नहीं है.
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