अगरतला: त्रिपुरा में माणिक साहा ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा पहले ही त्रिपुरा पहुंच चुके हैं. 6 मार्च सोमवार को माणिक साहा को सर्वसम्मति से विधायक दल का नेता चुना गया था. माणिक साहा ने विवेकानंद मैदान में दूसरी बार राज्य के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. पीएम मोदी अगरतला में रोड शो के बाद विवेकानंद मैदान में शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए.
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इन नेताओं ने मंत्री के रूप में ली शपथ
टिंकू रॉय, बिकास देबबर्मा, सुधांशु दास और सुक्ला चरण नोआतिया ने त्रिपुरा के मंत्रियों के रूप में शपथ ली, इसके अलावा रतन लाल नाथ, प्राणजीत सिंघा रॉय, सनातन चकमा और सुशांत चौधरी ने त्रिपुरा के मंत्रियों के रूप में शपथ ली. राज्यपाल ने इन तमाम को शपथ दिलाई.
भाजपा नेता ने कहा कि पिछले तीन दशकों में यह पहली बार है जब वामपंथी विरोधी सरकार ने पूर्वोत्तर राज्य में सत्ता बरकरार रखी है. हमें उम्मीद है कि भाजपा 2.0 सरकार लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करेगी. बीजेपी और आईपीएफटी के संयुक्त विधायक दल की बैठक का नेता चुने जाने के दो घंटे बाद डॉ. माणिक साहा छह मार्च को अगरतला में राज्यपाल से मिले थे. राज्यपाल एसएन आर्य ने उन्हें राज्य के 12वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ दिलाई. त्रिपुरा कांग्रेस ने चुनाव के बाद की हिंसा का हवाला देते हुए शपथ ग्रहण समारोह का बहिष्कार किया है.
त्रिपुरा का राजनीतिक समीकरण
त्रिपुरा में कुल 60 विधानसभा सीटें हैं. सीएम माणिक साहा के नेतृत्व में भाजपा चुनावी मैदान में उतरी थी. 2018 के चुनावों में एनडीए ने बहुमत का आंकड़ा पार करते हुए 36 सीटों पर कामयाबी हासिल की थी. जबकि माकपा को केवल 16 सीटों पर कामयाबी मिली थी. वहीं कांग्रेस को एक भी सीट नहीं मिली थी. 2023 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने शानदार जीत हासिल कर वापसी की है. वहीं वाम मोर्चा और कांग्रेस गठबंधन को बड़ा झटका लगा है. पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने भी त्रिपुरा विधानसभा चुनाव लड़ा था लेकिन उसे एक भी सीट पर कामयाबी नहीं मिली थी.
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