नई दिल्ली: 14 साल पुराने नौकरी के बदले जमीन मामले में ईडी लगातार लालू यादव के परिवार के खिलाफ छापेमारी कर रही है. इस मामले को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बाद शिवसेना सांसद संजय राउत ने केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधा है.
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मुंबई में मीडिया से बातचीत करते हुए सांसद संजय राउत ने कहा कि यह कार्रवाई बदले की भावना से हो रही है. किरिट सौम्या ने जो विक्रांत घोटाला किया उसमें तो उन्हें क्लीन चिट मिल गई. उनकी जांच बंद कर दी गई. ED सिर्फ BJP की विरोधी पार्टियों पर कार्रवाई के लिए जा रही है.
इसके अलावा उन्होंने कहा कि PM को विपक्ष ने जो पत्र लिखा है उसमें महाराष्ट्र से शरद पवार और उद्धव ठाकरे है, उसमें तेजस्वी यादव के भी हस्ताक्षर हैं और अब यह कार्रवाई हो रही. 2 दिन से लालू यादव और उनके परिवार के पर यह रेड चल रही है. सरकार आपातकाल नहीं बल्कि तानाशाही से भी उपर उठ कर यह कर रही है.
क्या है नौकरी के बदले जमीन घोटाले का मामला
सीबीआई का कहना है कि जब लालू यादव रेल मंत्री थे तब नौकरी के बदले कथित जमीन घोटाला हुआ था. आरोप है कि लालू यादव ने रेल मंत्री रहते हुए गुपचुप तरीके से पटना के 12 लोगों को ग्रुप डी की नौकरी दी थी और उनसे पैसे की मांग की थी. उनके परिवार वालों ने पटना में जमीन की रजिस्ट्री कराई थी. सीबीआई का दावा है कि प्लॉट लालू यादव की पत्नी रबडी देवी, बेटी मीसा भारती और हेमा यादव के नाम पर दर्ज थे और जमीन की नाममात्र की कीमत नकद में अदा की गई थी. इतना ही नहीं आवेदन के तीन दिन के भीतर नौकरी भी दे दी गई थी.
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