नई दिल्ली: हाल ही में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और सीबीआई द्वारा लालू प्रसाद यादव के परिवार और कई राजद नेताओं के खिलाफ जमीन के बदले नौकरी घोटाले में कार्रवाई को राष्ट्रीय जनता दल ने बदले की राजनीतिक कार्रवाई करार दिया है. इस बीच राजद नेता और बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने पटना में चुनौती दी है कि छापेमारी के बाद तैयार की गई सीजर सूची को सार्वजनिक किया जाए.
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राजद के राज्यसभा सांसद और प्रवक्ता मनोज झा से जब पूछा गया कि तेजस्वी खुद इसे सार्वजनिक या मीडिया को क्यों नहीं बता रहे हैं? मनोज झा ने इस संबंध में कानून का हवाला दिया. इससे पहले उन्होंने आरोप लगाया था कि छापेमारी में बरामदगी को लेकर मीडिया में जो भी खबर आई है वह मनगढ़ंत है. उन्होंने इसे राजनीतिक लड़ाई बताया और कहा कि आने वाले दिनों में कई चीजें सार्वजनिक की जाएंगी.
शनिवार 11 मार्च 2023 को ED ने लालू यादव और उनके परिवार के दिल्ली-एनसीआर, पटना, मुंबई और रांची में 24 ठिकानों पर छापेमारी की थी. यह छापेमारी ‘नौकरी के लिए जमीन’ यानी जमीन के बदले रेलवे में नौकरी के मामले में हुई है. कुछ मीडिया रिपोर्ट ने ईडी के सूत्रों के हवाले से कहा कि छापे के दौरान 600 करोड़ रुपये के लेन-देन का पता चला है.
मनोज झा ने कहा कि सालों बाद क्लोजर रिपोर्ट दाखिल करने वाले मामले को फिर से खोलना बदले की राजनीति है. हम बदले की राजनीति को बढ़ावा नहीं देते, लेकिन अगर बिहार सरकार भी केंद्र सरकार की राजनीति के स्तर पर आ गई तो दिक्कत होगी. उन्होंने आगे कहा कि तारीफ कीजिए कि हम दिल्ली की तरह ओछी हरकत नहीं कर रहे हैं. वरना राज्यों के पास भी कहर बरपाने के कई साधन होते हैं. हमारे सभ्य शिष्टाचार, कानून के शासन में हमारे विश्वास के लिए हमारी प्रशंसा करें. क्योंकि यदि हम उस स्तर तक नीचे जाते हैं तो यह बहुत कठिन होगा.
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