कांग्रेस पार्टी के नेता राहुल गांधी को उनकी मोदी सरनेम टिप्पणी पर आपराधिक मानहानि मामले में दोषी ठहराए जाने की तारीख से लोकसभा के सदस्य के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया है. यानी राहुल गांधी की संसद सदस्यता को रद्द कर दिया गया है. आज लोकसभा सचिवालय ने नोटिफिकेशन जारी करते हुए इसकी जानकारी दी है. हालांकि उनको कोर्ट ने फौरन जमानत भी दे दी और सजा को तीस दिन के लिए लिए निलंबित भी कर दिया है.
Advertisement
Advertisement
सूरत कोर्ट के फैसले को चुनौती देने का भी नहीं मिला मौका
लोक-प्रतिनिधि अधियनम के तहत अगर किसी विधायक और सांसद के खिलाफ 2 या उससे ज्यादा साल की सजा सुनाई जाती है तो उसे अयोग्य ठहरा दिया जाता है. उसे अपनी विधायकी या सांसदी छोड़नी पड़ती है, लेकिन राहुल गांधी के मामले में ऐसा नहीं है. कोर्ट ने राहुल तीस दिन तक का मौका दिया है जिसकी वजह से वह सूरत कोर्ट के इस फैसले ऊपरी अदालत में चुनौती दे सकते हैं.
भाजपा नेताओं की प्रतिक्रिया
राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता रद्द होने के फैसले को लेकर केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि क्या एक पूरे समाज को चोर बोल सकते हैं? क्या कांग्रेस जैसी पार्टी के लिए छोटे समाज और OBC समाज का अपमान करना और माफी भी न मांगना ही अभिव्यक्ति की आज़ादी है. गाली देने में और आलोचना करने में अंतर है. वे(राहुल गांधी) OBC समाज को गाली देने का काम कर रहे थे जिसकी वजह से उन्हें सजा हुई.
केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने इस मामले को लेकर कहा कि स्पीकर को अधिकार है कि वे ऐसी स्थिति में किसी सांसद को अयोग्य घोषित कर सकते हैं. सूरत ज़िला अदालत के फैसले के बाद ये निर्णय लेना बहुत जरूरी था, स्पीकर ने उचित फैसला लिया है. इसके अलावा केंद्रीय मंत्री एस.पी. सिंह बघेल ने कहा कि राहुल गांधी सोचते थे कि देश के संविधान और कानून से वे ऊपर हैं. सूरत की अदालत के फैसले के बाद स्पीकर ने ये निर्णय लिया है.
Advertisement