पश्चिम बंगाल में रामनवमी और उसके बाद हुए सांप्रदायिक दंगों को लेकर तृणमूल कांग्रेस और भाजपा के बीच तनाव बढ़ गया है. पश्चिम बंगाल में हुई हिंसक घटनाओं को लेकर केंद्र सरकार सख्त रुख अख्तियार कर रही है. गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार से राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति के बारे में रिपोर्ट मांगी है. बंगाल बीजेपी अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने राज्य में जारी दंगों और बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखा था. बताया जा रहा है कि इस पत्र के बाद गृह मंत्रालय ने यह कदम उठाया है. पश्चिम बंगाल पुलिस ने मंगलवार को धारा 144 का हवाला देते हुए सुकांत को तूफान प्रभावित इलाकों में जाने से रोक दिया था.
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बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि हमने अनुच्छेद 144 का उल्लंघन नहीं किया है. रामनवमी की हिंसा पूर्व नियोजित थी, क्योंकि बम एक दिन में नहीं बनते…राज्यपाल ने हमें रिषड़ा और उसके आस-पास इलाकों में जाने से मना किया इसलिए हम वहां नहीं जाएंगे लेकिन अगर कल की तरह वहां फिर हिंसा हुई तो हमें धरने पर बैठना पड़ेगा. हमने राज्यपाल से मुलाकात कर तत्काल केंद्रीय हस्तक्षेप की मांग की है क्योंकि पुलिस कानून व्यवस्था को संभाल नहीं पा रही है.
पश्चिम बंगाल भाजपा महासचिव ज्योतिर्मय सिंह महतो ने हिंसक घटनाओं को लेकर मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल में सरकार चलाने में नाकामयाब है इसलिए वो कुछ भी बोल रही हैं. तो वो अपनी नाकामयाबी न छुपाए, उन्हें तो तत्काल अपना पद छोड़ देना चाहिए. वो सरकार में हैं इसलिए कुछ भी नहीं कर सकती हैं.
तृणमूल कांग्रेस ने आरोपों पर दी सफाई
भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता क्रुणाल घोष ने भाजपा पर उपद्रव पैदा करने का आरोप लगाया है. क्रुणाल घोष ने कहा कि बीजेपी राज्य में सांप्रदायिक सद्भाव और शांति भंग करने की कोशिश कर रही है.
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