अहमदाबाद: गुजरात हाईकोर्ट ने 31 मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डिग्री के मुद्दे पर फैसला सुनाते हुए केजरीवाल पर 25 हजार का जुर्माना लगाकर उनकी याचिका को खारिज कर दिया था. उसके बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 1 अप्रैल को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर प्रधानमंत्री की डिग्री को लेकर अपमानजनक बनाए दिए थें. इस बयान को ट्विटर अकाउंट पर भी साझा किया गया था. उसके अगले दिन 2 अप्रैल को संजय सिंह ने प्रधानमंत्री की डिग्री को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर केजरीवाल की तरह ही बयान दिया था. इस प्रेस कॉन्फ्रेंस और ट्वीट में गुजरात यूनिवर्सिटी का भी जिक्र है. जिसके बाद गुजरात विश्वविद्यालय केजरीवाल और संजय सिंह के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज किया है. अहमदाबाद मेट्रो कोर्ट ने केजरीवाल को 23 मई को पेश होने के लिए समन भेजा है.
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गुजरात विश्वविद्यालय की ओर से कुलसचिव डॉ. पीयूष पटेल ने मेट्रो कोर्ट में भारतीय दंड संहिता 500 के तहत मानहानि का मुकदमा दायर किया है. अभियोजक ने केजरीवाल और संजय सिंह के ट्वीट के साक्ष्य को भी अदालत के समक्ष सबूत के तौर पर पेश किया है. आरोप लगाया गया है कि जानबूझकर गुजरात विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाने वाले शब्द बोले गए थे. गुजरात यूनिवर्सिटी की ओर से केस को एडवोकेट एएम नायर लड़ रहे हैं.
शिकायतकर्ता ने यह भी कहा है कि प्रधानमंत्री की डिग्री विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर प्रकाशित है. हालांकि, केजरीवाल एक सिविल सर्वेंट होने के बावजूद इस तरह की व्यक्तिगत टिप्पणी की है. इस टिप्पणी से ऐसा प्रतीत होता है कि गुजरात यूनिवर्सिटी फर्जी डिग्री दे रही है. लोगों को यह आभास हो रहा है कि यूनिवर्सिटी गलत गतिविधियों में शामिल है. शिकायत में रजिस्ट्रार ने आरोप लगाया कि गुजरात हाईकोर्ट द्वारा केंद्रीय सूचना आयोग के आदेश को रद्द करने के बाद भी केजरीवाल और संजय सिंह ने मानहानि करने वाले बयान दिए हैं.
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