अहमदाबाद: मानसून की शुरुआत से मुश्किल से एक महीने का समय बाकी है. लेकिन अभी तक अहमदाबाद नगर निगम की ओर से प्री-मानसून की तैयारी शुरू नहीं की गई है. पुराने अहमदाबाद के कोट इलाके में हर साल मानसून के दौरान जर्जर मकानों के गिरने की कई घटनाएं होती हैं. जिसके चलते कई लोगों की मौत भी हो जाती है. बावजूद इसके ऐसे जर्जर मकान को लेकर एएमसी की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है.
Advertisement
Advertisement
इस स्थिति के बीच खुद भाजपा पार्षद ने शहर के कोट क्षेत्र में 400 से अधिक जर्जर मकान होने की बात कही है और उन्होंने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर नगर पालिका का इस संबंध में कोई अधिकार नहीं होने का दावा करते हुए विशेष नीति बनाने की मांग की है.
हर साल मानसून के दौरान ऐसे जर्जर मकानों के गिरने से इनमें रहने वाले लोगों के अलावा आसपास के कई लोग घायल भी हो जाते हैं. कुछ मामलों में तो मासूमों की जान भी चली जाती है. नगर पालिका समय-समय पर नोटिस देकर ही अपना काम पूरा मान लेती है. लेकिन ऐसे घरों को लेकर कोई खास प्लानिंग नहीं की जाती है. अब खाड़िया से भाजपा नगर पार्षद पंकज भट्ट ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर विशेष नीति बनाने की मांग की है.
पत्र में लिखा है कि कोट क्षेत्र में 400 से अधिक जर्जर मकान हैं. मानसून में इन मकानों में कभी भी दुर्घटना होने की संभावना रहती है. नगर निगम के पास सिर्फ नोटिस जारी करने का अधिकार है. अधिकांश जर्जर मकानों की मरम्मत मकान मालिक और किराएदार तथा पारिवारिक विवाद के कारण नहीं हो पाती है. ऐसे मकानों की वजह से सड़क पर गुजरने वाले मासूम लोग खौफ में रहते हैं. पत्र में मांग की गई है कि इस संबंध में राज्य सरकार द्वारा विशेष नीति बनाई जाए.
गुजरात में गर्मी का पारा कितना रहेगा? जानिए मौसम विभाग ने क्या कहा…
Advertisement