आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा और वरिष्ठ अधिवक्ता कलापति वेंकटरमण विश्वनाथन ने आज उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में शपथ ली. भारत के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ ने सभी न्यायाधीशों की उपस्थिति में दोनों नए न्यायाधीशों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई. जस्टिस दिनेश माहेश्वरी और एमआर शाह के सेवानिवृत्ति के बाद, सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीशों की संख्या 34 से घटकर 32 हो गई है. लेकिन अब इन दोनों जजों के आने से सुप्रीम कोर्ट में जजों की संख्या अपनी स्वीकृत क्षमता पर वापस आ गई है.
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इससे पहले नव नियुक्त कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने अपने ट्विटर अकाउंट के जरिए सुप्रीम कोर्ट के दो नए जजों की नियुक्ति की जानकारी दी थी. उन्होंने लिखा, ‘भारत के संविधान द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए माननीय राष्ट्रपति, माननीय मुख्य न्यायाधीश, न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा और वरिष्ठ अधिवक्ता के.वी. विश्वनाथन को नियुक्त करने पर खुशी हुई है.
कलापति वेंकटरमण विश्वनाथन पूर्व अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल भी रह चुके हैं. न्यायमूर्ति जेबी पारडीवाला की सेवानिवृत्ति के बाद, के.वी. विश्वनाथन 11 अगस्त 2030 को भारत के मुख्य न्यायाधीश बन सकते हैं. अगर ऐसा होता है तो वह एसएम सीकरी, यूयू ललित और पीएस नरसिम्हा के बाद बार से सीधे नियुक्त होने वाले भारत के चौथे मुख्य न्यायाधीश भी होंगे. सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने दो दिन पहले केंद्र को दोनों नामों की सिफारिश भेजी थी, जिसे सरकार ने गुरुवार को मंजूरी दे दी थी.
जस्टिस पीके मिश्रा छत्तीसगढ़ से सुप्रीम कोर्ट के जज बनने वाले पहले जज
न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा सर्वोच्च न्यायालय में अपनी नियुक्ति से पहले आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्यरत थे. उन्होंने छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के रूप में भी काम कर चुके हैं. वह सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश बनने वाले पहले छत्तीसगढ़ियन हैं. जस्टिस केएम जोसेफ, जस्टिस अजय रस्तोगी और जस्टिस वी रामासुब्रमण्यन गर्मी की छुट्टी के दौरान सेवानिवृत्त हो रहे हैं.
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