दिल्ली: अभी कुछ दिन पहले आरबीआई ने 2 हजार रुपये के नोट को सर्कुलेशन से बाहर करने का ऐलान कर दिया था. जिसके बाद से अफरा-तफरी की स्थिति पैदा हो गई है. इस बीच आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि आने वाले दिनों में ब्याज दरों में कटौती का फैसला अर्थव्यवस्था की स्थिति और आंकड़ों पर निर्भर करेगा. आरबीआई गवर्नर ने कहा कि मई में खुदरा महंगाई अप्रैल के मुकाबले कम रहने की उम्मीद है.
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अप्रैल में खुदरा महंगाई दर 18 महीने के निचले स्तर 4.70 फीसदी पर आ गई, जबकि ठीक एक साल पहले अप्रैल 2022 में खुदरा महंगाई दर 7.79 फीसदी रही थी. उन्होंने कहा कि आंकड़े बताते हैं कि वित्त वर्ष 2022-23 के लिए जीडीपी 7.55 फीसदी से ज्यादा रह सकती है.
कॉन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री के वार्षिक सत्र 2023 को संबोधित करते हुए रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि आर्थिक मंदी एशिया-पैसिफिक क्षेत्र के साथ उन्नत अर्थव्यवस्थाओं में केंद्रित है, 2023 में वैश्विक विकास में लगभग 70% योगदान करने की उम्मीद है. उसी अनुमान के अनुसार, भारत चालू वर्ष में वैश्विक विकास में लगभग 15% योगदान देगा.
बिजनेस चैंबर सीआईआई के सालाना सम्मेलन को संबोधित करते हुए आरबीआई गवर्नर ने आगे कहा कि वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच, भारतीय बैंकिंग प्रणाली मजबूत पूंजी और तरलता की स्थिति, संपत्ति की गुणवत्ता में सुधार और बेहतर लाभप्रदता के साथ स्थिर और लचीली बनी हुई है.
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