दिल्ली: केंद्र की मोदी सरकार ने दिल्ली में मौजूद नेहरू मेमोरियल का नाम बदलकर पीएम मेमोरियल कर दिया गया है. मोदी सरकार के इस फैसले को लेकर सियासी बयानबाजी तेज हो गई है. कांग्रेस के बाद शिवसेना उद्धव ठाकरे ग्रुप ने भी मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि यह फैसला पंडित नेहरू से नफरत की वजह से लिया गया है.
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नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी सोसाइटी का नाम बदले के जाने के मामले पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि वे(BJP) कुछ नया खोल लेते, नया खोलने में कोई समस्या है? उन्हें गांधी-नेहरू परिवार से समस्या है. उन्होंने राहुल गांधी का संसदीय दर्जा छीन लिया, उन्होंने उनका बंगला छीन लिया. अगर वह एक सामान्य व्यक्ति के रूप में अमेरिका जाते हैं और कुछ कहते हैं, तो पूरी भाजपा बयान देना शुरू कर देती है.
वहीं इस मामले को लेकर शिवसेना उद्धव ठाकरे ग्रुप के नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने इस मामले को लेकर कहा कि पंडित नेहरू ने देश को बनाने में येगदान दिया है उन्होंने आजादी की लड़ाई में भी योगदान दिया था. देश में कई प्रधानमंत्री हुए और सभी ने देश के लिए काम किया है. लेकिन संग्रहालय का नाम बदलने की जरूरत नहीं थी. नेहरू के नाम से ही संग्रहासय चल सकता था. लेकिन पंडित नेहरू से नफरत के कारण ये किया गया है.
कांग्रेस नेता गौरल वल्लभ ने इस मामले को लेकर मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि वे सोचते हैं कि पंडित नेहरू का नाम बोर्ड से हटाने से पंडित नेहरू का व्यक्तित्व कम हो जाएगा. नेहरू जी को लोग आधुनिक भारत का निर्माता मानते हैं. मैं मोदी जी को अटल बिहारी वाजपेयी का एक कथन याद दिलाना चाहता हूं क्योकिं आप उन्हें भी अपना नेता नहीं मानते हो, उन्होंने कहा था कि छोटे मन से कोई बड़ा नहीं बन पाएगा.
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