मणिपुर में हिंसा का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है, इंफाल शहर में भीड़ और सुरक्षाबलों के बीच देर रात झड़प की खबरें आ रही हैं. इसमें दो नागरिक घायल हुए हैं. बिष्णुपुर जिले के कावक्ता और चुराचांदपुर जिले के कंगवई में रात भर फायरिंग होती रही. इसके साथ ही भीड़ ने बीजेपी नेताओं के घरों में भी आग लगाने की कोशिश की है. इससे पहले गुरुवार रात भीड़ ने केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री राजकुमार रंजन के आवास में आग लगा दी, जिससे वह पूरी तरह जल गया था.
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भीड़ ने इरिंगबाउम पुलिस थाने पर कल हमला किया था
इसके अलावा पश्चिम इंफाल के इरिंगबाम पुलिस थाने पर भीड़ ने हमला कर हथियार लूटने की कोशिश की. हालांकि, कोई हथियार नहीं ले जा सके थे, हाल की घटनाओं के बाद अब नई रणनीति बनाकर उपद्रवियों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है. भीड़ को इकट्ठा होने से रोकने के लिए सेना, असम राइफल्स और मणिपुर रैपिड एक्शन फोर्स ने कमान संभाली और राजधानी में आधी रात तक संयुक्त रूप से मार्चे को संभाला.
इंफाल वेस्ट में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष के घर पर हमला
इंफाल पश्चिम में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अधिकारमायूम शारदा देवी के घर को निशाना बनाने का प्रयास किया गया. इससे पहले भी 1200 लोगों की भीड़ ने केंद्रीय मंत्री आरके रंजन सिंह के घर पर पेट्रोल बम से हमला किया था. केंद्र सरकार दोनों पक्षों के बीच शांति कायम करने की कोशिश कर रही है. गृह मंत्री अमित शाह ने भी कई बड़े फैसले लिए हैं. उनके कहने पर कुछ लोगों ने अपने हथियार पुलिस थाने में जमा करवा चुके हैं. लेकिन मणिपुर में हिंसा थमने की नाम नहीं ले रही है.
सीएम ने अशांति के लिए घुसपैठियों को ठहराया जिम्मेदार
इससे पहले कल मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने राज्य में जारी हिंसा और अशांति के लिए अवैध घुसपैठियों को जिम्मेदार ठहराया था. इतना ही नहीं उन्होंने मिजोरम नेशनल फ्रंट को मणिपुर के मामलों में हस्तक्षेप न करने की चेतावनी भी दी थी. मुख्यमंत्री ने दोहराया कि राज्य में जारी हिंसा दो समुदायों के बीच की लड़ाई नहीं है. सीएम बीरेन सिंह ने कहा कि सभी विधायक और मंत्री लगातार शांति स्थापित करने के लिए जनता के साथ बातचीत कर रहे हैं.
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