हिंदू धर्म में अमरनाथ यात्रा को बहुत पवित्र माना जाता है. हर साल शिव भक्त इस यात्रा का बेसब्री से इंतजार करते हैं. अमरनाथ धाम को बाबा बर्फानी के नाम से भी जाना जाता है. बाबा बर्फानी की इसी गुफा में भगवान शिव ने माता पार्वती को उनकी अमरता का रहस्य बताया था, इसीलिए इसे अमरनाथ कहा जाता है.
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अमरनाथ यात्रा 62 दिनों की होगी
यहां भगवान शिव बर्फ के लिंग के रूप में स्थापित हैं, ऐसा माना जाता है कि जो शिव के इस रूप का दर्शन करता है उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है. इस साल अमरनाथ यात्रा 1 जुलाई 2023 से शुरू होगी और 31 अगस्त 2023 को सावन पूर्णिमा पर समाप्त होगी. अमरनाथ की यह पूरी यात्रा 62 दिनों की होगी. अमरनाथ यात्रा बेहद कठिन यात्रा है जिसके चलते अमरनाथ श्राइन बोर्ड ने इस यात्रा को लेकर एडवाइजरी जारी की है.
यात्रा से पहले व्यायाम और प्राणायाम करना चाहिए
अमरनाथ यात्रा में आपको काफी पैदल चलना पड़ता है, ऊंचाई पर उबड़-खाबड़ रास्ते होते हैं, जिन पर आप ठीक से चलने के आदी नहीं होते हैं. इसीलिए एडवाइजरी में यात्रा से एक महीने पहले से ही रोजाना सुबह और शाम 4 से 5 किलोमीटर पैदल चलना शुरू करने की सलाह दी गई है. इसके अलावा, कुछ लोगों को ऊंचाई पर जहां हवा की मात्रा कम होती है, वहां सांस लेने में दिक्कत होती है. जिसके लिए लोगों को यात्रा से पहले गहरी सांस लेने के व्यायाम और प्राणायाम करने की सलाह दी गई है.
यात्रा के लिए शारीरिक रूप से फिट होना जरूरी
अमरनाथ यात्रा शुरू करने से पहले शारीरिक रूप से फिट रहना बहुत जरूरी है. इसके अलावा शरीर में ऑक्सीजन की उचित मात्रा के लिए व्यायाम बहुत जरूरी है. अगर किसी व्यक्ति को कोई स्वास्थ्य संबंधी समस्या है तो यात्रा पर जाने से पहले डॉक्टर से जांच कराना जरूरी है. यात्रा के दौरान धीरे-धीरे चलते रहें और बीच-बीच में आराम भी करते रहें. जम्मू-कश्मीर में 14 किलोमीटर के इस सफर में ऊंचाई, खड़ी पहाड़ियों और संकरी सड़कों से गुजरना शामिल है. यही कारण है कि श्रद्धालुओं के लिए स्वास्थ्य संबंधी एडवाइजरी की घोषणा की गई है.
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