नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव से ठीक पहले पीएम मोदी ने समान नागरिक संहिता और तीन तलाक का मुद्दा उठाकर नया विवाद खड़ा कर दिया है. उनके बयान के बाद ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने आपात बैठक बुलाकर यूसीसी का विरोध करने का ऐलान कर दिया है. यूसीसी की वजह से देश के मुस्लिम समुदाय के लोगों में असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है. इस बीच मुस्लिम वर्ल्ड लीग के महासचिव शेख डॉक्टर मोहम्मद बिन अब्दुलकरीम अल-इस्सा ने भारत की तारीफ करते हुए कहा कि यहां के मुस्लिमों को अपनी राष्ट्रीयता और संविधान पर गर्व है.
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राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से मुलाकात करने के बाद मुस्लिम वर्ल्ड लीग के महासचिव शेख डॉक्टर मोहम्मद बिन अब्दुलकरीम अल-इस्सा ने कहा कि भारतीय समाज में मुस्लिम घटकों को अपनी राष्ट्रीयता पर गर्व है, कि वे भारतीय नागरिक हैं और उन्हें अपने संविधान पर गर्व है. विविधता में एकता के लिए भारत की प्रशंसा करते हुए उन्होंने आगे कहा कि भारत हिंदू बहुल राष्ट्र होने के बाद भी धर्मनिरपेक्ष देश है.
वहीं इस मौके पर एनसए अजीत ने कहा कि भारत कई दशकों से आतंकवाद का शिकार रहा है. देश ने 2008 (मुंबई हमले) सहित कई आतंकवादी हमलों का सामना किया है. भारत अपने सुरक्षा तंत्र को मजबूत करने और आतंकवादी गतिविधियों को रोकने के लिए अन्य देशों के साथ सहयोग करने सहित विभिन्न माध्यमों से आतंकवाद से लड़ने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहा है.
इसके अलावा राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार डोभाल ने कहा कि भारत दुनिया में दूसरी और सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी का घर है. भारतीय मुस्लिम आबादी इस्लामिक सहयोग संगठन के 33 से अधिक सदस्य देशों की संयुक्त आबादी के लगभग बराबर है. हिंदू धर्म और इस्लाम की गहरी आध्यात्मिक सामग्री ने लोगों को एक साथ लाया और एक-दूसरे की सामाजिक और बौद्धिक समझ लाने में मदद की है.
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