दिल्ली: संसद के दोनों सदनों में मानसून सत्र चल रहा है. आज संसद की कार्यवाही शुरू होने से पहले राजस्थान के बीजेपी सांसदों समेत वरिष्ठ नेताओं ने सीएम अशोक गहलोत सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. इसके साथ ही विपक्षी दल ने संयुक्त रूप से संसद परिसर में मणिपुर मामले को लेकर प्रदर्शन किया. लेकिन सदन के अंदर विपक्ष के हंगामे के बाद राज्यसभा और लोकसभा को 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया है.
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दोनों सदनों में विपक्ष की ओर से जमकर नारेबाजी की गई
लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही पहले तो 12 बजे तक के लिए स्थगित की गई थी, उसके बाद दोबारा शुरू होते ही राज्यसभा और लोकसभा दोनों सदनों में विपक्षी सांसदों ने मणिपुर पर प्रधानमंत्री के बयान की मांग को लेकर नारेबाजी शुरू कर दी. जिसके चलते दोनों सदन दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दिए गए.
सरकार चर्चा के लिए तैयार
सरकार इस सत्र में जहां कुल 31 अहम बिल पेश करने की तैयारी में है, वहीं विपक्ष के हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही कई बार स्थगित करनी पड़ी है. ऐसे में सदन में हंगामे के चलते राज्यसभा की कार्यवाही एक बार फिर स्थगित कर दी गई है. विपक्ष मणिपुर हिंसा पर बहस की मांग कर रहा है. हालांकि, सरकार का कहना है कि वह चर्चा के लिए तैयार है.
सत्ता पक्ष ने क्या कहा?
इस मामले को लेकर संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि मणिपुर वायरल वीडियो पर पूरा देश पीड़ा व्यक्त कर रहा है. हम हाथ जोड़ कर कह रहे हैं कि आप (विपक्ष) इस विषय पर चर्चा करो और हम इससे कुछ निष्कर्ष निकालेंगे. हम ये नहीं समझ पा रहे हैं कि वो (विपक्ष) चर्चा से क्यों भाग रहे हैं. उनकी क्या सोच है, ये समझ नहीं आ रहा है. हम आज भी मांग करते हैं कि आप इस पर चर्चा कीजिए. ये बहुत संवेदनशील मामला है.
केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने विपक्ष पर पलटवार करते हुए कहा कि हम इन्हें (विपक्ष) बार-बार कह रहे हैं कि आपका सबसे बड़ा विषय मणिपुर पर चर्चा को लेकर था. विपक्ष ने अनुरोध किया था कि आप चर्चा को स्वाकार कर लें, सत्र चलेगा. हम चाहते हैं कि मणिपुर पर चर्चा हो, हमारे सांसदों ने कहा कि मणिपुर के साथ-साथ राजस्थान और पश्चिम बंगाल में महिलाओं की स्थिति पर भी चर्चा की जाए.
तेज हुई सियासी बयानबाजी
इस मामले को लेकर आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने कहा कि पूरे देश की मांग है कि मणिपुर मामले पर सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी बात रखे. देश में शांति बहाल करना केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है. आज हम इस मुद्दे पर संसद में विरोध प्रदर्शन करने जा रहे हैं. राज्यसभा सभापति को हमें मणिपुर मुद्दे पर चर्चा की इजाजत देनी चाहिए.
राज्यसभा के नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लियाकार्जुन खड़गे के मुताबिक हम भी चर्चा के लिए तैयार हैं. प्रधानमंत्री इस मामले पर अपनी बात रखें. अगर 140 करोड़ का नेता बाहर प्रेस से बात करता है और 140 करोड़ जनता के प्रतिनिधी अंदर बैठे हैं, तो आप(प्रधानमंत्री) पहले अंदर अपना बयान दीजिए. उसके बाद हम एक निर्णय लेंगे.
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि मुझे लगता है कि इस मुद्दे(मणिपुर) को प्रधानमंत्री द्वारा सदन में उपस्थित होने से आसानी से हल किया जा सकता है जिसके वे खुद भी सदस्य हैं और इसके प्रति वह जवाबदेह हैं. हम एक ऐसी स्थिति देख रहे हैं जो इतनी महत्वपूर्ण है कि सरकार के मुख्य कार्यकारी से कम कोई भी इस पर शुरुआत में नहीं बोल सकता है. गृह मंत्री और अन्य लोग अपनी भूमिका निभा सकते हैं, मुझे यकीन है लेकिन प्रधानमंत्री ने संसद के बाहर मीडिया से बात करना उचित समझा, जब सत्र चल रहे हैं तब यह स्वीकार्य नहीं.
संसद परिसर में पक्ष-विपक्ष आमने-सामने, मणिपुर-राजस्थान के मुद्दे पर विरोध प्रदर्शन जारी
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