दिल्ली: हरियाणा के नूंह में भड़की सांप्रदायिक हिंसा बाद अब विपक्ष राज्य की मनोहर लाल खट्टर सरकार पर हमलावर हो गया है. सीएम खट्टर और गृह मंत्री दावा कर रहे हैं कि साजिश के तहत हिंसा को भड़काया गया है. वहीं विपक्ष इस मामले को लेकर राज्य के कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़ा कर रहा है और इसे प्रशासनिक विफलता मान रहा है.
Advertisement
Advertisement
हरियाणा से कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा हिंसा को लेकर कहा कि नूंह में जो घटना घटी है वह बड़ी प्रशासनिक विफलता है. अगर सरकार समय पर सतर्कता लेती, पुलिस प्रशासन तैनात किया जाता तो यह घटना टाली जा सतकी थी. उपमुख्यमंत्री दुष्यन्त चौटाला और केंद्रीय MoS मंत्री राव इंद्रजीत सिंह का बयानों में भी प्रशासनिक विफलता की बात है.
नूंह में भड़की हिंसा को लेकर नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि नूंह में जो कुछ हुआ वह दिल दहला देने वाला है. धर्म को लेकर लड़ना भारत के लिए अच्छा नहीं है. भारत सबका देश है और यहां हर धर्म को आगे बढ़ने का अधिकार है.
बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती ने भी एक बयान जारी करते हुए कहा कि हरियाणा में संप्रदायिक दंगों का भड़कना और इसका गुरुग्राम और अन्य क्षेत्रों में बिना रोक-टोक फैलना साबित करता है कि मणिपुर के तरह ही हरियाणा राज्य में भी क़ानून व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त है और वहां की सरकार का खुफिया तंत्र भी निष्क्रिय है. अगर राज्य सरकार प्रस्तावित यात्रा, जुलूस को सुरक्षा नहीं दे सकती तो वे ऐसे आयोजनों को अनुमति क्यों देती हैं?
हरियाणा के नूंह में भड़की सांप्रदायिक हिंसा को लेकर खट्टर सरकार पर हमला बोलते हुए कांग्रेस सांसद रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि जब गुरुग्राम, नूंह, सोहना में ये हिंसक झड़पें हुईं तो सरकार क्या कर रही थी, क्यो वो सो रहे थे?
सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील ने जताई आशंका, 2024 में फिर हो सकता है पुलवामा जैसा आतंकी हमला
Advertisement