दिल्ली: मणिपुर हिंसा को लेकर संसद में हंगामा जारी है और विपक्षी दल लगातार केंद्र पर हमला बोल रहे हैं, ऐसे में आज विपक्षी सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की और मणिपुर मुद्दे पर हस्ताक्षेप करने की मांग की. इतना ही नहीं विपक्ष ने कहा कि मणिपुर के दो अलग-अलग समुदायों की दो महिलाओं को राज्यसभा में नियुक्त किया जाए ताकि संसद में अपनी आवाज उठा सकें.
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मणिपुर की स्थिति पर विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A द्वारा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सौंपे गए ज्ञापन में कहा गया, “हम बिना किसी देरी के राज्य में शांति और सद्भाव स्थापित करने के लिए आपसे तत्काल हस्तक्षेप का अनुरोध करते हैं. प्रभावित समुदायों को न्याय प्रदान करने के लिए केंद्र और राज्य सरकार दोनों को अपना कर्तव्य पूरा करना चाहिए. हम आपसे निवेदन करते हैं कि आप प्रधानमंत्री पर मणिपुर की मौजूदा स्थिति पर संसद को तत्काल संबोधित करने के लिए दबाव डालें, जिसके बाद इस मामले पर एक विस्तृत और व्यापक चर्चा हो.”
राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के नेतृत्व में विपक्षी सांसदों के प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की और 21 विपक्षी सांसदों द्वारा मणिपुर दौरे के बाद तैयार की गई रिपोर्ट को दिया गया. राष्ट्रपति से मुलाकात के बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि मणिपुर को लेकर राष्ट्रपति को एक ज्ञापन सौंपा है और उनसे मणिपुर मुद्दे पर हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया गया. इस मामले में राष्ट्रपति ने आश्वासन दिया है कि वह इस पर विचार करेंगी.
इसके अलावा उन्होंने कहा कि I.N.D.I.A. गठबंधन के 31 सदस्यों ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की और मणिपुर का दौरा करने वाले 21 सांसदों के प्रतिनिधिमंडल ने उन्हें वहां की स्थिति के बारे में जानकारी दी. हमने राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा है, हमने राष्ट्रपति को विशेष रूप से मणिपुर में महिलाओं के खिलाफ अत्याचार, पुनर्वास और अन्य स्थितियों के बारे में जानकारी दी. हमारी मुख्य मांग है कि प्रधानमंत्री को मणिपुर का दौरा करना चाहिए और राज्य में शांति बहाल करने की दिशा में कदम उठाना चाहिए.
मणिपुर मुद्दे पर राष्ट्रपति मुर्मू से मुलाकात के बाद कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि हमने जो भी वहां देखा वह सब राष्ट्रपति जी के सामने रखा है. मणिपुर के हालात दिन पर दिन संगीन होते जा रहे हैं.
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