दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति की बैठक के नतीजे घोषित हो गए हैं. गवर्नर शक्तिकांत दास ने 8 अगस्त को शुरू हुई 6 सदस्यीय एमपीसी बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी दी और कहा कि इस बार भी रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया है, यानी इसे अपरिवर्तित रखा गया है. रेपो रेट 6.5 फीसदी पर ही रहेगा. जिसकी वजह से किसी भी तरह का लोन लेने वाले लोन धारकों पर ईएमआई का बोझ नहीं बढ़ेगा.
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आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं करने की घोषणा की, साथ ही दावा किया कि भारत सही रास्ते पर आगे बढ़ रहा है और आने वाले वर्षों में दुनिया का ग्रोथ इंजन बनेगा. उन्होंने कहा कि हम दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हैं और हमारी अर्थव्यवस्था लगातार बढ़ रही है. भारत अब वैश्विक अर्थव्यवस्था में हो रहे बदलावों का लाभ उठाने के लिए सबसे अच्छी स्थिति में है. भारतीय अर्थव्यवस्था वैश्विक विकास में लगभग 15 प्रतिशत का योगदान देती है.
फरवरी से रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं
देश में महंगाई पर काबू पाने के लिए रिजर्व बैंक ने मई 2022 से लगातार नौ बार रेपो रेट में संशोधन किया था. इस दौरान इस दर में 250 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी की गई थी. हालांकि, मुद्रास्फीति नियंत्रण में होने के कारण, केंद्रीय बैंक ने अपनी बढ़ोतरी पर ब्रेक लगा दिया और फरवरी 2023 से इसमें कोई बदलाव नहीं किया है. विशेषज्ञों को भी यही उम्मीद थी कि आरबीआई रेपो रेट को स्थिर रख सकता है. इससे पहले अप्रैल और जून में हुई बैठकों में भी यह दर स्थिर रखी गई थी. रिजर्व बैंक ने जहां रेपो दर को स्थिर रखा है, वहीं आरबीआई ने एमएसएफ, बैंक दर को 6.75 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखने का फैसला किया है, जबकि एसडीएफ दर 6.25 प्रतिशत पर अपरिवर्तित है.
रिजर्व बैंक ने वित्त वर्ष 2024 में जीडीपी ग्रोथ 6.5 फीसदी रहने का अनुमान लगाया है. जबकि अगले साल 2025 की अप्रैल-जून तिमाही में जीडीपी ग्रोथ 6.6 फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया है. शक्तिकांत दास ने कहा कि वित्त वर्ष 24 की पहली तिमाही में वास्तविक जीडीपी ग्रोथ 8 फीसदी रह सकती है.
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