दिल्ली: कुछ दिन पहले जयपुर-मुंबई एक्सप्रेस में एक जवान द्वारा की गई फायरिंग में 4 लोगों की मौत के बाद आरपीएफ ने बड़ा फैसला लिया है. अब यात्रा के दौरान आरपीएफ जवानों को एके-47 राइफल ले जाने की इजाजत नहीं होगी. इसके बजाय अब उनको पिस्तौल ले जाने की इजाजत होगी. फिलहाल रेलवे के दो जोन ने यह फैसला लिया है. मध्य रेलवे और पश्चिम रेलवे ने इस संबंध में एस्कॉर्ट पार्टियों को प्रशिक्षण देने का निर्देश जारी किया है.
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AK-47 की जगह अब सिर्फ पिस्तौल मिलेगी
रेलवे ने यह फैसला 31 जुलाई को हुए दर्दनाक हादसे के बाद लिया है. आपको बता दें कि कॉन्स्टेबल चेतन सिंह ने जयपुर-मुंबई सेंट्रल सुपरफास्ट एक्सप्रेस में अपनी ऑटोमैटिक असॉल्ट राइफल से चार लोगों की हत्या कर दी थी. मध्य रेलवे के वरिष्ठ मंडल सुरक्षा आयुक्त, ऋषि कुमार शुक्ला ने कहा, “हमने सीआर के मुंबई खंड के लिए एक आदेश जारी किया है. उसके मुताबिक, एस्कॉर्ट पार्टियां अब एके-47 की जगह पिस्तौल रखेंगी. इसके अलावा पश्चिम रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि स्वचालित असॉल्ट राइफलों के आवंटन के खिलाफ आदेश जारी किए गए हैं. अब एस्कॉर्ट पार्टी को पिस्तौल लेकर यात्रा करना होगा.
एके-47 को केवल उच्च जोखिम वाले मार्गों पर चलने वाली ट्रेनों में ले जाने की अनुमति होगी
सूत्रों ने बताया कि भारतीय रेलवे के सभी विभागों के लिए इसी तरह की अधिसूचना जारी की जा सकती है. हालांकि, आतंकवादी हमलों से बचाव के लिए आरपीएफ टीम को स्टेशनों पर और नक्सली इलाकों जैसे उच्च जोखिम वाले मार्गों पर चलने वाली ट्रेनों में एके -47 जैसे हथियारों के साथ यात्रा करने की अनुमति दी जाएगी.
मुझे आतंकी अजमल कसाब याद आ गई
जयपुर-मुंबई ट्रेन गोलीबारी की घटना में चार लोगों की हत्या के जिम्मेदार आरपीएफ जवान चेतन सिंह की तुलना आतंकवादी अजमल आमिर कसाब से की जा रही है. घटना के एक चश्मदीद ने बताया कि फायरिंग की आवाज सुनकर उसे शॉर्ट सर्किट का अहसास हुआ और जब वह उठा तो देखा कि ट्रेन खून से लथपथ थी. ट्रेन के कोच बी-5 में यात्रा कर रहे एक अटेंडेंट ने कहा, ‘जब मैंने सोमवार को जयपुर-मुंबई सुपरफास्ट एक्सप्रेस में उसे आरोपी चेतन सिंह को देखा, तो इस घटना ने मुझे आतंकी अजमल कसाब की याद दिला दी.
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