दिल्ली: राम जन्मभूमि अयोध्या और काशी विश्वनाथ धाम के बाद अब श्रीकृष्ण जन्मभूमि मथुरा का मामला भी सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. याचिकाकर्ताओं ने शीर्ष अदालत से वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर में ज्ञानवापी मस्जिद में चल रहे एएसआई सर्वेक्षण के समान मथुरा में शाही ईदगाह के वैज्ञानिक सर्वेक्षण का आदेश देने की मांग की है. गौरतलह है कि इससे पहले इस मांग को लेकर इलाहाबाद हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी. लेकिन कोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया था. जिसके बाद अब याचिकाकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.
Advertisement
Advertisement
याचिका किसने दाखिल की?
यह याचिका कृष्ण जन्मभूमि मुक्ति निर्माण ट्रस्ट ने दायर की है. याचिकाकर्ताओं का कहना है कि सर्वे से सत्यता की पुष्टि हो जायेगी. विवादित भूमि के संबंध में याचिकाकर्ता और पार्टी नंबर 1 द्वारा किए गए दावे की विश्वसनीयता का पता लगाने के लिए एएसआई द्वारा सर्वेक्षण किया जाना चाहिए. यह सर्वेक्षण आवश्यक डेटा प्रदान करेगा और सटीकता सुनिश्चित करेगा. किसी भी नतीजे पर पहुंचने या निर्णय लेने में यह एक विश्वसनीय साक्ष्य होगा.
सर्वेक्षण से स्थान की प्राचीनता के बारे में जानकारी मिलेगी
याचिकाकर्ताओं का तर्क है कि विवादित भूमि के संबंध में स्थल के धार्मिक इतिहास और धार्मिक महत्व को समझने के लिए उचित वैज्ञानिक सर्वेक्षण किया जाना चाहिए. इससे उस स्थान की प्राचीनता के बारे में सटीक जानकारी मिलेगी.
गौरतलब है कि इससे पहले दिल्ली निवासी हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता और उपाध्यक्ष सुरजीत सिंह यादव ने सिविल जज सीनियर डिवीजन (तृतीय) सोनिका वर्मा की अदालत में वाद दायर किया था. जिसमें कहा गया था कि औरंगजेब ने कृष्ण जन्मस्थली की 13.37 एकड़ में बने मंदिर को तोड़कर ईदगाह तैयार की थी. उन्होंने भगवान कृष्ण के जन्म से लेकर मंदिर निर्माण तक का पूरा इतिहास कोर्ट के सामने पेश किया था. 1968 में कृष्ण जन्मस्थान सेवा संघ बनाम शाही मस्जिद ईदगाह के बीच हुए समझौते को भी चुनौती दी थी.
PM मोदी की अपील पर BJP नेताओं ने ‘X’ बदली DP, तिरंगे की फोटो पोस्ट होते ही वेरिफिकेशन टिक गायब
Advertisement