दिल्ली: कांग्रेस ने इसरो की स्थापना के लिए भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के योगदान की सराहना की है. कांग्रेस का यह बयान ऐसे समय आया है जब पिछले कुछ दिनों से भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम में नेहरू और अन्य कांग्रेसी प्रधानमंत्रियों के योगदान को लेकर भाजपा और कांग्रेस के बीच वाकयुद्ध छिड़ा हुआ है. जहां विपक्षी पार्टियां अपने नेताओं के प्रयासों को उजागर करने की कोशिश कर रही हैं, वहीं सत्ता पक्ष का दावा है कि 2014 के बाद से इस क्षेत्र में काफी प्रगति हुई है.
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जयराम रमेश ने किया ट्वीट
इस मुद्दे पर कांग्रेस महासचिव (संचार) जयराम रमेश ने भी ट्वीट किया है. उन्होंने कहा कि नेहरू ने वैज्ञानिक दृष्टिकोण को बढ़ावा दिया. नेहरू वैज्ञानिक दृष्टिकोण को बढ़ावा देते थे. ISRO के निर्माण में उनके योगदान को जो नहीं पचा पा रहे हैं, वो TIFR के शिलान्यास के दिन का उनका भाषण सुन लें. वह बादलों से रडार को बचाने वाले विज्ञान के ज्ञाता की तरह सिर्फ़ बड़ी-बड़ी बातें नहीं करते थे बल्कि बड़े-बड़े फ़ैसले लेते थे.
नेहरू वैज्ञानिक दृष्टिकोण को बढ़ावा देते थे। ISRO के निर्माण में उनके योगदान को जो नहीं पचा पा रहे हैं, वो TIFR के शिलान्यास के दिन का उनका भाषण सुन लें।
वह बादलों से रडार को बचाने वाले विज्ञान के ज्ञाता की तरह सिर्फ़ बड़ी-बड़ी बातें नहीं करते थे बल्कि बड़े-बड़े फ़ैसले लेते थे। pic.twitter.com/phCzbEZ6fo
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) August 27, 2023
चंद्रयान-3 की सफलता को सामूहिक सफलता माना
चंद्रमा पर चंद्रयान-3 की सफलता के बाद कांग्रेस ने कहा कि यह हर भारतीय की सामूहिक सफलता है और इसरो की उपलब्धि निरंतरता की कहानी दिखाती है जो वाकई अद्भुत है. कांग्रेस ने कहा है कि भारत की अंतरिक्ष यात्रा 1962 में INCOSPAR के गठन के साथ शुरू हुई थी, जो होमी भाभा और विक्रम साराभाई की दूरदर्शिता और देश के पहले प्रधानमंत्री नेहरू के समर्थन का परिणाम था. इसके बाद अगस्त 1969 में साराभाई ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की स्थापना की थी.
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