लखनऊ: देश में एक देश-एक चुनाव की चर्चा जोर पकड़ चुकी है और केंद्र सरकार ने इसके लिए एक समिति भी गठित की है, जिसका अध्यक्ष पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को बनाया गया है. केंद्र सरकार ने विशेष सत्र बुलाया है, यह सत्र 18 सितंबर से 22 सितंबर तक चलेगा. इस पांच दिवसीय विशेष सत्र में सरकार एक देश-एक चुनाव बिल ला सकती है, अब इसी को लेकर यूपी के पूर्व सीएम और सपा मुखिया अखिलेश यादव ने केंद्र की मोदी सरकार पर तंज कसा है.
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बीजेपी को यूपी में एक साथ चुनाव कराना चाहिए: अखिलेश यादव
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक देश-एक चुनाव को लेकर शुरू हुई कवायद पर कटाक्ष किया है. उन्होंने कहा कि हर बड़े काम को करने से पहले एक प्रयोग किया जाता है, इसी बात के आधार पर हम ये सलाह दे रहे हैं कि ‘एक देश-एक चुनाव’ करवाने से पहले भाजपा सरकार, इस बार लोक सभा के साथ-साथ देश के सबसे अधिक लोकसभा व विधानसभा सीटोंवाले राज्य उत्तर प्रदेश के लोकसभा-विधानसभा के चुनाव साथ कराके देख ले. इससे एक तरफ़ चुनाव आयोग की क्षमता का भी परिणाम सामने आ जाएगा और जनमत का भी, साथ ही भाजपा को ये भी पता चल जाएगा कि जनता किस तरह भाजपा के ख़िलाफ़ आक्रोशित है और उसको सत्ता से हटाने के लिए कितनी उतावली है.
इससे पहले अखिलेश यादव का रुख अलग था
इससे पहले मुंबई में हुई गठबंधन की बैठक के दूसरे दिन सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव का अलग बयान सामने आया था. ‘एक राष्ट्र-एक चुनाव’ पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा था कि यह सिर्फ INDIA गठबंधन की बैठक से ध्यान भटकाने के लिए किया गया है. पिछली बार भी(INDIA गठबंधन की बैठक के दौरान) उन्होंने अपनी बैठक की थी. यह एक राष्ट्र-एक चुनाव सिर्फ धोखा देने के लिए है. अगर पूरे देश में एक चुनाव हो जाए तो हमसे ज्यादा खुश और कौन होगा. अगर लोकसभा के साथ उत्तर प्रदेश(विधानसभा) भी कर दें तो इससे अच्छा और क्या हो सकता है.
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