मध्य प्रदेश में इसी साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. भाजपा ने चुनाव से काफी पहले 21 उम्मीदवारों के नाम का ऐलान भी कर दिया है. लेकिन चुनाव से पहले पार्टी में बड़ी फूट नजर आ रही है. मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ बीजेपी नेता उमा भारती पार्टी की ओर से आयोजित होने वाली ‘जन आशीर्वाद यात्रा’ के लिए निमंत्रण न मिलने से इतनी नाराज हैं कि उन्होंने कहा कि अगर अब उन्हें निमंत्रण मिलेगा भी तो वह इसमें शामिल नहीं होंगी.
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दरअसल, बीजेपी मध्य प्रदेश में सरकार की उपलब्धियों को जनता तक पहुंचाने के लिए जन आशीर्वाद यात्रा निकाल रही है, लेकिन इसमें राज्य की पूर्व सीएम उमा भारती को आमंत्रित नहीं किया गया है. भोपाल में एक कार्यक्रम में पहुंची उमा भारती से जब सवाल पूछा गया तो उनका दर्द छलक गया. उन्होंने कहा कि यात्रा में मुझे कहीं भी नहीं बुलाया गया. इससे कोई फर्क नहीं पड़ता, लेकिन हां मेरे मन में एक सवाल है कि अगर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने उनकी सरकार बनवाई तो मैंने भी एक सरकार बनाकर दी थी. उन्होंने कहा कि 2020 में उपचुनाव के दौरान मुझे कोरोना हो गया. यह केवल 11 दिन के लिए था, पार्टी नेताओं के आह्वान पर मैं चुनाव प्रचार के लिए मैदान में उतरी थी, बीजेपी को जीतना ही था. लेकिन मेरी वजह से सीटों में बढ़ोतरी हुई थी.
मीडिया से बातचीत करते हुए उमा भारती ने आगे कहा कि मैं यात्रा में जाना ही नहीं चाहती थी क्योंकि इन लोगों को डर है कि अगर मैं वहां पहुंची तो सबका ध्यान मेरी तरफ हो जाएगा. मैं जाना नहीं चाहती थी लेकिन मुझे निमंत्रण देने का औपचारिकता पूरी करनी थी.
इस साल के अंत में चुनाव
मध्य प्रदेश में इसी साल नवंबर-दिसंबर में विधानसभा चुनाव होने हैं. 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने एमपी में शानदार जीत हासिल की थी. कमलनाथ को राज्य का सीएम बनाया गया था. लेकिन ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बगावत कर दी थी जिसकी वजह से कमलनाथ सरकार गिर गई थी. उसके बाद वह मार्च 2020 में अपने कुछ विधायकों के साथ भाजपा में शामिल हो गए थे. अब इस बार फिर कांग्रेस राज्य की सत्ता में वापसी की उम्मीद कर रही है. भाजपा के खिलाफ भ्रष्टाचार, बिगड़ती कानून-व्यवस्था को लेकर कांग्रेस हमलावर है.
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