मुंबई: महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे ने सोमवार को जालना में मराठा आरक्षण के लिए आंदोलन कर रहे लोगों से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज का आदेश देने वालों को मराठावाडा में घुसने न दें.
Advertisement
Advertisement
आंदोलनाकारियों को भड़काते नजर आए राज ठाकरे
राज ठाकरे जालना से कुछ दूरी पर स्थित सारथी गांव पहुंचे थे. यहां उन्होंने मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग को लेकर एक हफ्ते से भूख हड़ताल पर बैठे मनोज जरांगे से मुलाकात की. ठाकरे ने कहा कि नेता आपसे वोट मांगते हैं और फिर आपको छोड़ देते हैं. जिन नेताओं ने आंदोलनकारियों पर लाठियों से हमला करने और आंदोलनकारियों को बंदूक की नोक पर रखकर गिरफ्तार करने का आदेश दिया, उन्हें मराठावाडा में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि जब तक नेता माफी नहीं मांग लेते तब तक विरोध जारी रहना चाहिए.
अंतरवाली सारथी गांव के रास्ते में मनसे नेता ने जामखेड फाटा में आंदोलनकारियों से बातचीत की. उन्होंने कहा कि पहले राजनेताओं ने अरब सागर (मुंबई तट से दूर) में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा स्थापित करने का वादा किया था और आपका वोट लिया, लेकिन वोट लेने के बाद आपके मुद्दों को नजरअंदाज कर दिया.
मैं मुख्यमंत्री से बात करूंगा- राज ठाकरे
ठाकरे ने कहा कि राज्य के उप मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस ने कहा है कि विपक्ष को इस मुद्दे पर राजनीति नहीं करनी चाहिए. लेकिन अगर वह खुद विपक्ष में होते तो ऐसा ही करते, उन्होंने कहा कि मैंने आंदोलनकारियों के सवाल सुना, मैं जांच की मांग करूंगा और इसके समाधान के लिए मुख्यमंत्री से बात करूंगा. अभी तो कोई चुनाव नहीं है, लेकिन जब चुनाव आये तो लाठी के निशान याद रखना.
शुक्रवार को हिंसा भड़क उठी थी
उल्लेखनीय है कि मंगलवार से मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग को लेकर मनोज जरांगे के नेतृत्व में आंदोलनकारी गांव में भूख हड़ताल पर बैठ गए थे. राजनीतिक रूप से प्रभावशाली मराठा समुदाय को राज्य सरकार द्वारा दिया गया आरक्षण सुप्रीम कोर्ट पहले ही रद्द कर चुका है. स्थिति तब बिगड़ गई जब डॉक्टरों की सलाह पर पुलिस ने जरांग को अस्पताल में भर्ती कराने की कोशिश की. लेकिन उन्होंने मना कर दिया था. इसके बाद शुक्रवार को आंदोलन हिंसक हो गया. अंबाड तालुका में धुले-सोलापुर रोड पर अंतरवाली सारथी गांव में हिंसक भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े. हिंसा में 40 पुलिसकर्मी और अधिकारी घायल हो गए, जबकि 15 से अधिक राज्य परिवहन बसों को आग लगा दी गई थी.
Advertisement