अहमदाबाद: गुजरात के बोटाद में स्थित सालंगपुरधाम में हनुमानजी की भव्य प्रतिमा के नीचे भित्तिचित्रों में हनुमानजी को सहजानंद स्वामी के सेवक के रूप में चित्रित करने से विवाद उत्पन्न हो गया था. विवाद को खत्म करने के लिए कल यह घोषणा की गई कि 36 घंटे के भीतर भित्ति चित्र हटा दिए जाएंगे. इस मामले में बड़ी खबर सामने आ रही है. देर रात मंदिर परिसर की लाइटें बंद कर अंधेरे में पुलिस की मदद से भित्तिचित्र को हटा दिया गया है. इस दौरान मीडिया को मंदिर से दूर रखा गया और विवादित तस्वीरों को हटाकर मामले को शांत कर दिया गया है.
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पुलिस अधिकारियों ने फोन उठाना बंद कर दिया
भित्ति चित्र हटाने का दृश्य मीडिया के कैमरे में कैद न हो जाए इसलिए पुलिस को जिम्मेदारी सौंपी गई थी. इतना ही नहीं पुलिस ने मीडिया कवरेज को रोकने के लिए मंदिर के बाहर ही मीडियाकर्मियों को रोक दिया था और देर रात अंधेरे में विवादित भित्ति चित्रों को हटा दिया, सनातन धर्म के साधु-संतों ने मंदिर में लगे भित्ति चित्र को हनुमान का अपमान बताते हुए विरोध जताया था और भित्ति चित्र हटाने की मांग की थी. इसे लेकर कल शाम सीएम की अध्यक्षता में एक बैठक भी हुई थी. बैठक के बाद विवादित भित्ति चित्र हटाने का निर्णय लिया गया था.
गुजरात के सालंगपुरधाम में हनुमान जी को सहजानंद स्वामी के भक्त के रूप में दिखाये जाने के बाद विवाद पैदा हो गया था. गौरतलब है कि गुजरात सरकार इस पूरे मामले को सौहार्दपूर्ण तरीके से निपटाने की कोशिश कर रही थी. कल शाम गांधीनगर में सीएम भूपेन्द्र पटेल, गृह राज्य मंत्री और वडताल स्वामीनारायण संप्रदाय के संतों के बीच बैठक हुई थी, और इसी बैठक में घोषणा की गई थी कि 36 घंटे के भीतर भित्ति चित्र हटा दिए जाएंगे.
गौरततलब है कि हनुमान जयंती के शुभ अवसर पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह अपने परिवार के साथ ‘सारंगपुर के राजा’ के दर्शन करने बोटाड पहुंचे थे. उसके बाद गृह मंत्री अमित शाह ने सारंगपुर मंदिर में भगवान हनुमान की 54 फीट ऊंची प्रतिमा का अनावरण किया था. फिर अमित शाह ने मंदिर में बने 55 करोड़ रुपये की लागत से आधुनिक भोजनालय का उद्घाटन किया था. इसी प्रतिमा के नीचे भित्ति चित्र लगाए गए थे इसमें हनुमान जी को सहजानंद स्वामी के भक्त के रूप में दिखा गया था.
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