मोरक्को में छह दशकों में आए सबसे भीषण भूकंप में मरने वालों की संख्या बढ़कर 2,122 हो गई है. सबसे अधिक 1,293 मौतें अल हाउस प्रांत में हुई है. इस विनाशकारी भूकंप में 2,059 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं. जिनमें से 1,404 लोगों की हालत गंभीर बताई जा रही है. गौरतलब है कि उत्तरी अफ्रीकी देश मोरक्को में शुक्रवार देर रात रिक्टर पैमाने पर मापा गया 6.8 तीव्रता का भूकंप आया था. इस भूकंप में अब तक दो हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है.
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भूकंप से ऐतिहासिक शहर मराकेश और उसके आसपास भारी क्षति हुई है. भूकंप से सबसे ज्यादा प्रभावित अंदरूनी इलाकों में बचाव अभियान जारी है. ऐसे में मरने वालों की संख्या और बढ़ने की आशंका है. मोरक्को सरकार ने तीन दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की है. साथ ही विश्व स्वास्थ्य संगठन का अनुमान है कि भूकंप से तीन लाख लोग प्रभावित हुए हैं.
अस्पतालों के बाहर लगा शवों का ढेर
मोरक्को में छह दशकों में आए सबसे भीषण भूकंप के बाद हर तरफ तबाही के निशान बिखरे हुए हैं. अस्पतालों के बाहर शवों का ढेर लग गया है. वहीं, विनाशकारी भूकंप से बचे लोग मलबे में अपनों की तलाश कर रहे हैं. मोरक्को सरकार ने सेना की मदद से पीड़ितों तक खाना-पीना पहुंचाने का ऐलान किया है. राजा मोहम्मद चतुर्थ के निर्देश पर सेना मलबे से लोगों को निकालने के लिए विशेष तलाशी अभियान चला रही है.
ग्रामीण इलाकों में मिट्टी के घर पूरी तरह नष्ट हो गये
मोरक्को के आंतरिक मंत्रालय ने कहा कि ग्रामीण इलाकों में मिट्टी के घर पूरी तरह से नष्ट हो गए हैं. मलबे के कारण संकरी सड़कें बंद हो गई हैं. एक अस्पताल के बाहर 10 शव पड़े हैं और उनके रिश्तेदार उनके पास खड़े हैं और अंतिम संस्कार की व्यवस्था का इंतजार कर रहे हैं. मोरक्को में शुक्रवार देर रात रिक्टर पैमाने पर मापा गया 6.8 तीव्रता का विनाशकारी भूकंप आया था.
भारत, अमेरिका और इजराइल ने हरसंभव मदद का दिया भरोसा
इजरायली रक्षा मंत्री योव गैलेंट ने अपने मोरक्को समकक्ष से फोन पर बात की और भूकंप प्रभावित देश को हर संभव सहायता प्रदान करने की इच्छा व्यक्त की, गैलेंट ने इजरायली बलों को मोरक्को को मानवीय सहायता प्रदान करने के लिए तैयार रहने का आदेश दिया है. इस बीच, भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ-साथ अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भी विनाशकारी भूकंप पर संवेदना व्यक्त की और मोरक्को को हर संभव मदद का आश्वासन दिया है.
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