दिल्ली: संसद का पांच दिवसीय विशेष सत्र आज से शुरू होने जा रहा है. संसद के पहले दिन की कार्यवाही पुराने संसद भवन से होगी, जबकि दूसरे दिन की कार्यवाही नये संसद भवन में होगी. विशेष सत्र के लिए सरकार ने अहम तैयारियां की हैं. वहीं दूसरी ओर विपक्ष ने मोदी सरकार को सदन में घेरने की रणनीति तैयार की है. जिसकी वजह से यह पांच दिवसीय सत्र हंगामेदार होने की संभावना है.
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संसद के 75 साल के सफर पर होगी चर्चा
रिपोर्ट्स के मुताबिक, पांच दिवसीय विशेष सत्र के पहले दिन संसद के 75 साल के सफर पर चर्चा होगी. संसदीय बुलेटिन के मुताबिक, पहले दिन 75 साल की संसदीय यात्रा की उपलब्धियों, अनुभवों, यादों पर चर्चा होगी. इसके साथ ही पांच दिवसीय सत्र में डाकघर विधेयक 2023, मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति से संबंधित विधेयक पेश किये जायेंगे. इसके अलावा एडवोकेट्स (संशोधन) बिल 2023 और प्रेस एंड रजिस्ट्रेशन ऑफ पीरियोडिकल्स बिल भी पेश किया जाना है.
विशेष सत्र पांच दिनों तक चलेगा
जानकारी के मुताबिक सरकार 18 से 22 सितंबर तक चलने वाले संसद के विशेष सत्र के आखिरी तीन दिनों में ही ये बिल सदन में पेश करेगी. संसद के विशेष सत्र के लिए बीजेपी ने लोकसभा और राज्यसभा में अपने सभी सांसदों को व्हिप जारी किया है.
केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने इस सिलसिले में जानकारी देते हुए कहा कि हमने अपना एजेंडा बताया है. आज संविधान सभा से लेकर आज तक 75 साल के हमारे अनुभव, यादें और सीख के बारे में चर्चा है, क्योंकि हमने संकल्प लिया है कि 2047 तक भारत को विकसित बनाना है. देश को आगे कैसे लेकर जा सकते हैं, इस बारे में चर्चा करनी चाहिए.
विपक्ष ने साधा निशाना
संसद के विशेष सत्र पर कांग्रेस सांसद और गुजरात कांग्रेस अध्यक्ष शक्ति सिंह गोहिल ने कहा कि हमारी संसदीय परंपरा और प्रक्रिया में कहा गया है कि सदस्यों को विधेयक का मसौदा और सरकारी कामकाज दिखाया जाना चाहिए…जब कोई विशेष सत्र बुलाया जा रहा हो तो सदस्यों को कामकाज के बारे में पहले से बताया जाना चाहिए…यह पहली बार है इस बार इस सत्र में कोई प्रश्नकाल या शून्यकाल नहीं होगा.”
वहीं संसद के विशेष सत्र पर कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने 9 बिंदु बताते हुए पत्र लिखा था लेकिन कोई जवाब नहीं आया हैं.
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