दिल्ली: संसद के विशेष सत्र का आज दूसरा दिन है. आज से नए संसद भवन में संसद की कार्यवाही शुरू होगी. इससे पहले पुराने संसद भवन के पास सभी सांसदों का फोटो सेशन किया गया. इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने सेंट्रल हॉल में पुरानी इमारत के विदाई समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि आज नए संसद भवन में हम सब मिलकर नए भविष्य का श्री गणेश करने जा रहे हैं. आज हम यहां विकसित भारत का संकल्प दोहराना, फिर एक बार संकल्प बद्ध होना और उसका परिपूर्ण करने के लिए जी जान से जुटने के इरादे से नए भवन की तरफ प्रस्थान कर रहे हैं.
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पीएम मोदी ने अपने संबोधन में आगे कहा कि यह भवन और उसमें भी यह सेंट्रल हॉल, एक प्रकार से हमारी भवानाओं से भरा हुआ है. हमें भावुक भी करता है और हमें कर्तव्य के लिए प्रेरित भी करता है. आजादी के पूर्व यह खंड एक तरह से लाइब्रेरी के रूप में इस्तेमाल होता था. आजादी के बाद में संविधान सभा की बैठकें यहां हुईं और संविधान सभा की बैठकों के द्वारा गहन चर्चा के बाद हमारे संविधान ने यहां आकार लिया, यहीं पर 1947 में अंग्रेजी हुकूमत ने सत्ता हस्तांतर किया था, उस प्रक्रिया का साक्षी यह सेंट्रल हॉल है. इसी सेंट्रल हॉल में हमारे तिरंगे, राष्ट्रगान को अपनाया गया. इस एतिहासिक अवसरों पर आजादी के बाद अनेक अवसर आए जब दोनों सदनों के मिलकर भारत के भाग्य को गणने के लिए सहमती बनाई. 1952 में करीब 42 राष्ट्राध्यक्षों ने इस सेंट्रल हॉल में संबोधित किया है. हमारे राष्ट्रपति महोदयों द्वारा 86 बार संबोधित किया गया… दोनों सदनों ने मिलकर करीब 4000 क़ानून पास किए हैं.
#WATCH दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुराने संसद भवन के सेंट्रल हॉल में सांसदों से मुलाकात की। pic.twitter.com/xF0aLlKN8g
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 19, 2023
पुरानी इमारत के विदाई समारोह को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने आगे कहा कि आज भारत पांचवी अर्थव्यवस्था पर पहुंचा है लेकिन पहले 3 के संकल्प के साथ आगे बढ़ रहा है. मैं जिस स्थान पर हूं उस जानकारी के आधार और विश्व के गणमान्य लोगों से बातचीत करता हूं उस आधार पर कह रहा हूं कि दुनिया आश्वस्त है कि भारत टॉप 3 में पहुंचकर रहेगा. हमें आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को सबसे पहले परीपूर्ण करना चाहिए और यह हम से, हर नगारिक से शुरूआत होती है. एक समय ऐसा था कि लोग लिखते थे कि ‘मोदी आत्मनिर्भर की बात करता है, कहीं बहुपक्षीय के सामने चुनौती नहीं बन जाएगा.’ हमने पांच साल में देखा कि दुनिया भारत के आत्मनिर्भर मॉडल की चर्चा करने लगी है.
#WATCH हम सभी आज यहां एक साथ ऐतिहासिक सेंट्रल हॉल में भारत की संसद की समृद्ध विरासत का जश्न मनाने के लिए एकत्र हुए हैं। इसी सेंट्रल हॉल में संविधान सभा की बैठक 1946 से 1949 तक हुई थी। आज हम विनम्रतापूर्वक डॉ. राजेंद्र प्रसाद, पंडित जवाहरलाल नेहरू, सरदार वल्लभभाई पटेल और बीआर… pic.twitter.com/Nnf3NPWA26
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 19, 2023
संसद के विशेष सत्र के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगे कहा कि हमारे विश्वविद्यालय दुनिया के अंदर टॉप रैंकिंग में आए, अब हमें इसमें पीछे नहीं रहना है, अभी जब G 20 में विश्व के मेहमान आए मैंने वहां नालंदा की तस्वीर रखी थी, जब मैं दुनिया के नेताओं को कहता था कि 1500 साल पहले मेरे देश में उत्तम से उत्तम विश्वविद्यालय हुआ करती थी तो वे सुनते ही रह जाते थे. पीएम ने आगे कहा कि मेरी प्रार्थना और सुझाव है कि जब हम नए संसद भवन में जा रहे हैं तो इसकी (पुराना संसद भवन) गरिमा कभी भी कम नहीं होनी चाहिए, इसे सिर्फ ‘पुराना संसद भवन’ कहकर छोड़ दें, ऐसा नहीं होना चाहिए. अगर आप सब की सहमती हो तो इसे भविष्य में ‘संविधान सदन’ के नाम से जाना जाए.
#WATCH प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य लोग पुराने संसद भवन के सेंट्रल हॉल से निकलते हुए।
प्रधानमंत्री मोदी ने सुझाव दिया कि इस इमारत को अब ‘संविधान सदन’ के नाम से जाना जाए। pic.twitter.com/NoFGo32lzA
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 19, 2023
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